भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता संपन्न, काफी समय से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए हुई बातचीत
India-China Meeting भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने अपनी छह दिवसीय मैराथन वार्ता समाप्त कर ली है। देपसांग और डेमचोक क्षेत्र में काफी समय से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए यह सैन्य वार्ता हुई थी। सैन्य अधिकारियों के बीच छह दिनों तक चली वार्ता में कई वर्षों से लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए व्यापक और विस्तृत चर्चा हुई।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 25 Aug 2023 04:38 AM (IST)
नई दिल्ली, एएनआई। भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने अपनी छह दिवसीय मैराथन वार्ता समाप्त कर ली है। देपसांग और डेमचोक क्षेत्र में काफी समय से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए यह सैन्य वार्ता हुई थी। दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता ऐसे समय संपन्न हुई, जब दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच बातचीत हुई है। इस दौरान दोनों नेताओं ने सीमा मुद्दे पर चर्चा की।
कई मुद्दों पर हुई बातचीत
सूत्रों ने बताया कि सैन्य अधिकारियों के बीच छह दिनों तक चली वार्ता में कई वर्षों से लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए व्यापक और विस्तृत चर्चा हुई। दोनों देशों की सेना अब बातचीत पर अपने शीर्ष नेतृत्व का निर्देश लेगी और अंतिम निर्णय जल्द लिया जाएगा। अब तक ऐसा लग रहा है कि बातचीत का नतीजा संभवत: सकारात्मक रहा है।
दौलत बेग ओल्डी और चुशुल सेक्टर में हुई है वार्ता
सूत्रों के अनुसार, निकट भविष्य में दोनों पक्षों के बीच शीर्ष स्तर पर बातचीत की भी संभावना है। मालूम हो कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता दौलत बेग ओल्डी और चुशुल सेक्टर में हुई। यह बातचीत 19 अगस्त से शुरू हुई थी। भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 19वें दौर की बातचीत इस महीने की शुरुआत में चुशुल मोल्डो में हुई थी।चीन, भूटान ने की सीमा को लेकर वार्ता
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबितक, चीन और भूटान के बीच 21 से 24 अगस्त के बीच बीजिंग में सीमा को लेकर वार्ता हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने अपने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए ''तीन-चरणों का रोडमैप'' लागू करने और एक साथ कदम उठाने पर सहमति जताई। अक्टूबर 2021 में दोनों देशों ने सीमा विवाद सुलझाने की खातिर बातचीत में तेजी लाने के लिए ''तीन-चरणों के रोडमैप'' पर समझौता किया था।