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Military Airbase: लक्षद्वीप में दो सैन्य हवाई क्षेत्र बनाएगा भारत, केंद्र ने दी मंजूरी; चीन की बढ़ती गतिविधियों रखी जाएगी नजर

भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत कर रहा है। वहीं अब इस दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए भारत ने लक्षद्वीप में दो सैन्य हवाई क्षेत्र बनाने की बड़ी योजना को मंजूरी दे दी है। वहीं अब भारत क्षेत्र में बढ़ती चीनी गतिविधियों पर नजर रख सकेगा चीन इस क्षेत्र पर अपनी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश कर रहा है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Thu, 18 Jul 2024 11:25 PM (IST)
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लक्षद्वीप में दो सैन्य हवाई क्षेत्र बनाएगा भारत

 एएनआई, नई दिल्ली। भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को तूफानी रफ्तार देने जा रहा है। लिहाजा, भारत सरकार ने एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान लक्षद्वीप में दो सैन्य वायुक्षेत्र (मिलेट्री एयरफील्ड) बनाने को मंजूरी दे दी है। केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप समूह के आखिरी द्वीप मिनिकाय और भारत के पश्चिमी क्षेत्र अरब सागर के अगात्ती द्वीप के मौजूदा मिलेट्री एयरफील्ड को विस्तार देंगे।

इस समुद्री क्षेत्र में चीनी गतिविधियां बढ़ते देखकर भारत सरकार ने यह फैसला लिया है। रक्षा सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्रालय के नेतृत्व में तीनों सेनाओं ने यह प्रस्ताव रखा था जिसे गुरुवार को केंद्र सरकार की एक उच्चस्तरीय बैठक में हरी झंडी दे दी गई है।

यहां यात्री विमान भी उड़ान भरा करेंगे

दोहरे उद्देश्यों वाले इन मिलेट्री एयरफील्ड का सैन्य उपयोग के साथ ही वाणिज्यिक उपयोग भी होगा। यहां सभी तरह के युद्धक और मालवाहक विमानों के साथ ही यात्री विमान भी उड़ान भरा करेंगे। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना इस क्षेत्र में लंबी दूरी के ड्रोन का भी इस्तेमाल करेगी।

भारतीय वायुसेना इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व करेगी। यहां पर सैन्य समागम देखा जा सकेगा। जिसमें तीनों सेनाओं के साथ ही भारतीय तटरक्षकों की भी भागेदारी होगी। मौजूदा प्रस्ताव के अनुसार भारतीय वायुसेना पड़ोसी देश मालदीव के निकट स्थित लक्षद्वीप के आखिरी द्वीप मिनिकाय में संचालित अभियानों का नेतृत्व करेगी।

इलाके में निगरानी करने का अवसर मिलेगा

मिनिकाय स्थित एयरपोर्ट से भारतीय रक्षा बलों की सैन्य क्षमता तो बढ़ेगी ही, उन्हें अरब सागर के और विस्तृत इलाके में निगरानी करने का अवसर मिलेगा। सरकार की योजना के तहत इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाएगा। मिनिकाय स्थित नए एयरपोर्ट के निर्माण का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय के समक्ष सबसे पहले भारतीय तटरक्षकों ने रखा था।

उल्लेखनीय है कि रणनीतिक रूप से मिनिकाय द्वीप इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मालदीव से सिर्फ 50 मील दूर है। भारत सरकार ने यह कदम तब उठाया है जब चीनी नौसेना ने ¨हद महासागर क्षेत्र में अपना दखल बढ़ाना शुरू कर दिया है। साथ ही पाकिस्तानी नौसेना के साथ उसने गठजोड़ करके कई अभियान शुरू किए हैं।