India Defense Export: मोदी सरकार की Make in India के दिख रहे परिणाम, रक्षा निर्यात में 5 वर्ष में आठ गुना उछाल
भारत में पिछले कुछ सालों में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। देश में मोदी सरकार के आने के बाद कई अहम नीतियां बनाई गईं। इनका सकारात्मक प्रभाव दिखने भी लगा है। आज 75 से अधिक देशों को भारतीय कंपनियां अब रक्षा निर्यात कर रही हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आत्मनिर्भर भारत अभियान (Atmanirbhar Bharat Abhiyaan) और मेक इन इंडिया (Make in India) का सकारात्मक प्रभाव अब रक्षा क्षेत्र में निर्यात (India Defense Export) पर भी दिख रहा है। हम अब केवल अपने लिए आयुध सामग्री और हथियार प्रणालियां ही नहीं बना रहे हैं, बल्कि दूसरे देशों को इनकी बिक्री भी कर रहे हैं। दक्षिण एशियाई देशों से शुरू हुई यह यात्रा कदम बढ़ाती हुई अफ्रीका तक जा पहुंची है। आइए जानें कैसा है भारत का रक्षा निर्यात क्षेत्र और किन देशों में हम पांव जमा रहे हैं।
Modi Govt की नीतिगत पहल ने बदली छवि
रक्षा निर्यात में भारत के बढ़ते कदमों के पीछे बीते कुछ वर्ष में बनाई गई कई अहम नीतियां हैं। इनमें स्वदेशी कंपनियों से रक्षा सामग्री की खरीद, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी और एचएएल व डिफेंस की अन्य स्वदेशी कंपनियों को प्रोत्साहन के लिए उठाए गए कदम शामिल हैं। उत्तर प्रदेश व तमिलनाडु में दो रक्षा कारिडोर बनाए गए हैं। आर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) को अब कंपनियों में परिर्वतित कर दिया गया है।
Defense Sector में तेजी से आगे बढ़ रहा भारत
वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में भारत ने 1,387 करोड़ रक्षा संबंधित सामग्री का निर्यात किया। वर्ष 2021-22 में रक्षा निर्यात का आंकड़ा 12,185 करोड़ के पार रहा जो अब तक का सर्वाधिक है। वर्ष 2020-21 की तुलना में इसमें 54.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र में देश की गति का अंदाजा इस आंकड़े से लगता है कि पांच वर्ष पहले की तुलना में हम आठ गुना अधिक रक्षा निर्यात कर रहे हैं। वर्ष 2022-21 में 8,934 करोड़, वर्ष 2019-20 में 9,115 करोड़ और वर्ष 2015-16 में 2,059 करोड़ का रक्षा निर्यात भारत ने किया था। स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च की एक करीब पांच वर्ष पुरानी एक रिपोर्ट कहती है कि विश्व की शीर्ष 100 रक्षा कंपनियों में भारत की तीन कंपनियां-एचएएल, ओएफबी और भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड थीं। 2015-16 की शीर्ष सौ कंपनियों के रक्षा निर्यात में इन भारतीय कंपनियों की भागीदारी 1.2 प्रतिशत थी।
भारत, अमेरिका को भी कर रहा निर्यात
- नई दिल्ली में मंगलवार को जो अहम बैठक होने जा रही है, वह अफ्रीका में रक्षा निर्यात के लिए नए साझीदार खोजने पर विशेष ध्यान देगी। हालांकि, भारत पहले से भी अफ्रीका के कुछ देशों को रक्षा निर्यात कर रहा है।
- इन देशों में अमेरिका भी शामिल है, जिससे हम अभी तक रक्षा उपकरण व हथियार खरीदते ही रहे हैं। इसके अलावा फिलीपींस समेत दक्षिण पूर्व एशिया के कई देश और मध्य पूर्व एशिया के देश शामिल हैं।
- एशिया में मलेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश, यूरोप में बेल्जियम, पश्चिमी एशिया में तुर्किए, मिस्र, ओमान, इजरायल, अफ्रीका में केन्या, नाइजीरिया और लैटिन अमेरिका में चिली आदि देश शामिल हैं।
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स्वीडन की रक्षा कंपनी भारत में करेगी निर्माण
केवल रक्षा उत्पाद के निर्यात में ही देश आगे नहीं बढ़ रहा है, बल्कि विदेशी कंपनियों को अपनी धरती पर फैक्टरी लगाकर उत्पादन करने के मामले में भी गतिमान है। स्वीडन की कंपनी साब कार्ल गुस्ताव एम4 राइफल बनाने के लिए भारत में फैक्टरी लगाएगी। इसमें वर्ष 2024 में उत्पादन आरंभ होगा। भारत की सैन्य जरूरतों के साथ विश्व के अन्य देशों के लिए यह राइफल और इसके पार्ट भारत से निर्यात किए जाएंगे।
भारत में पिछले कुछ सालों में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। देश में मोदी सरकार के आने के बाद कई अहम नीतियां बनाई गईं। इनका सकारात्मक प्रभाव दिखने भी लगा है। आज 75 से अधिक देशों को भारतीय कंपनियां अब रक्षा निर्यात कर रही हैं।
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