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डिफेंस सेक्टर में भारत का जलवा, US-फ्रांस समेत 100 देशों को बेचे 21000 करोड़ के हथियार; ये है सबसे बड़ा खरीदार

India defense export भारत अब तेजी से हथियारों के निर्यात में आगे बढ़ रहा है। भारत अब आयात से ज्यादा निर्यात पर ही जोर दे रहा है। खास बात ये है कि भारत कुछ साल पहले तक अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों से बड़ी मात्रा में हथियार लेता था लेकिन अब भारत इन दोनों देशों को रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है।

By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Mon, 28 Oct 2024 11:42 AM (IST)
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India defense export भारत का रक्षा निर्यात बढ़ा।
जेएनएन, नई दिल्ली। India defense export भारत के डिफेंस सेक्टर की धाक अब दुनिया में जम गई है। देश अब तेजी से हथियारों के निर्यात में आगे बढ़ रहा है। भारत अब आयात से ज्यादा निर्यात पर ही जोर दे रहा है। देश ने साल 2023-24 में दूसरे देशों को 21 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के हथियार बेचे हैं। 

खास बात ये है कि भारत कुछ साल पहले तक अमेरिका और फ्रांस से बड़ी मात्रा में हथियार लेता था, लेकिन अब भारत इन दोनों देशों रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है, जो की बड़ी बात है। 

आर्मेनिया सबसे बड़ा खरीदार

दूसरी ओर आर्मेनिया सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा है। अजरबैजान के साथ संघर्ष के बाद से आर्मेनिया ने बड़े पैमाने पर भारत से हथियार खरीदे हैं। आर्मेनिया ने आकाश वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम, पिनाका मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम और 155 मिमी आर्टिलरी गन जैसे ‘तैयार’ हथियार प्रणालियां भारत से खरीदी हैं।

इन हथियारों की सबसे ज्यादा मांग

भारत की सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियां लगभग 100 देशों को बड़ी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और फ्यूज का निर्यात कर रही हैं। इसमें शामिल है...

  • ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
  • डोर्नियर-228 विमान
  • आर्टिलरी गन
  • रडार
  • आकाश मिसाइल
  • पिनाका रॉकेट और बख्तरबंद वाहन 

ये है शीर्ष तीन खरीदार

भारत विमान और हेलीकॉप्टरों के हिस्से जिसमें पंख और अन्य भाग शामिल है, उसकी सोर्सिंग कर रहा है। हैदराबाद में टाटा बोइंग एयरोस्पेस उद्यम अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों के लिए बॉडी और उसके भाग बना रहा है। बदले में फ्रांस बहुत सारे सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आयात कर रहा है।

अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया भारतीय रक्षा निर्यात के शीर्ष तीन खरीदार हैं।

आर्मेनिया ने अपनी ओर से पिछले चार वर्षों में मिसाइलों, आर्टिलरी गन, रॉकेट सिस्टम, हथियार-पता लगाने वाले रडार, बुलेट-प्रूफ वेस्ट और नाइट-विजन उपकरण जैसे 'तैयार उत्पादों' के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद और तोपखाने के गोले के आयात के लिए भारत के साथ कई सौदे किए हैं। इनमें से कुछ सौदे नागोर्नो-करबाख को लेकर अजरबैजान के साथ अर्मेनिया के टकराव के दौरान भी किए गए थे, जिसका तुर्की और पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध है।

'आकाश' का पहला ग्राहक बना अर्मेनिया

अर्मेनिया स्वदेशी रूप से विकसित आकाश एयर डिफेंस मिसाइल का पहला विदेशी ग्राहक बन गया है, जिसकी अवरोधन सीमा 25 किमी है, जबकि ब्राजील ने भी इसको लेकर रुचि दिखाई है।

इससे पहले भारत जनवरी 2022 में फिलीपींस को तीन ब्रह्मोस एंटी-शिप तटीय मिसाइल बैटरियों के निर्यात के लिए 3100 करोड़ से ज्यादा (375 million dollar) का करार कर चुका है। अब अन्य आसियान देशों के साथ-साथ कुछ खाड़ी देश भी भारत द्वारा रूस के साथ सह-विकसित की गई सटीक-स्ट्राइक मिसाइलों को हासिल करने में रुचि दिखा रहे हैं।