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    सितंबर से शुरू होगा भारत-ईएफटीए मुक्त व्यापार समझौता, जीरो टैरिफ पर निर्यात होंगी वस्तुएं

    Updated: Mon, 09 Jun 2025 11:07 PM (IST)

    वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन के साथ मुक्त व्यापार समझौता सितंबर से शुरू होगा। इससे भारतीय वस्तुएं चार देशों में बिना शुल्क निर्यात होंगी। स्विट्जरलैंड की घड़ी और चाकलेट सस्ती होंगी। समझौते के तहत ये देश भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करेंगे। स्विस कंपनियां फार्मा और तकनीक में निवेश करने की इच्छुक हैं।

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    सितंबर से शुरू होगा भारत-ईएफटीए मुक्त व्यापार समझौता। (फोटो- पीटीआई)

    राजीव कुमार, बर्न। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को बताया कि यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (एफ्टा) में शामिल चार देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर आगामी सितंबर से अमल शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही इन चार देशों में भारतीय वस्तुएं लगभग शून्य शुल्क पर निर्यात होने लगेंगी।

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    एफ्टा पर अमल से स्विट्जरलैंड की घड़ी और चाकलेट के आयात पर भी अब कम शुल्क लगेगा, जिससे ये वस्तुएं भारतीय बाजार में सस्ती हो जाएंगी। एफ्टा के साथ मुक्त व्यापार समझौता पिछले साल मार्च में किया गया था। गोयल ने बताया कि एफ्टा के साथ एफटीए के तहत ये चार देश भारत में 100 अरब डालर के निवेश के लिए प्रतिबद्ध है।

    भारत में निवेश करना चाहती हैं कंपनियां

    गोयल ने बताया कि स्विट्जरलैंड की कंपनियां भारत में मुख्य रूप से फार्मा, इंजीनियरिंग व अन्य प्रकार की टेक्नोलाजी के क्षेत्र में निवेश करना चाह रही है और ये कंपनियां भारत के साथ अपनी टेक्नोलाजी भी साझा करेंगी। स्विट्जरलैंड भारत को एक शिक्षित व युवा बाजार के रूप में देख रहा है और भारत में वे पूरी दुनिया के लिए निर्माण कर सकते हैं।

    भारत में स्विट्जरलैंड व अन्य विकसित देशों के मुकाबले लागत काफी कम है, इसलिए यहां की कंपनियां भारत में निवेश करना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि कैंसर के इलाज पर काम करने वाली एक स्विस कंपनी ने सोमवार को उनके साथ बैठक की और भारत में निर्माण शुरू करने पर उसकी लागत स्विट्जरलैंड की तुलना में 10 गुना कम हो सकती है और इसका फायदा पूरी दुनिया को मिलेगा।

    विदेशी कंपनियां भारत में निवेश को लेकर होंगी आकर्षित

    उन्होंने कहा कि इस प्रकार के एफटीए पर अमल से भारत के साथ व्यापार को लेकर शुल्क में निश्चितता आएगी और इससे विदेशी कंपनियां भारत में निवेश को लेकर आकर्षित होंगी। गोयल इन दिनों स्विट्जरलैंड व स्वीडन के दौरे पर है जहां वे भारत में निवेश की इच्छुक इन देशों की 100 से अधिक कंपनियों के साथ वार्ता करेंगे।

    सोमवार को उन्होंने स्विट्जरलैंड की कंपनियों को भारत में अपनी बोर्ड बैठक करने का न्योता दिया ताकि वे भारत में आकर यह देख सके कि भारत पिछले 11 सालों में कितना बदल गया है और भारत में मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर कितना अनुकूल माहौल है।

    बाटा गुरुग्राम में शुरू करने जा रही है डिजाइनिंग का काम

    स्विट्जरलैंड की कंपनी बाटा ब्रांड्स एसए के सीईओ संदीप कटारिया ने गोयल के साथ बैठक के बाद बताया कि उनकी कंपनी गुरुग्राम में बाटा ब्रांड्स की डिजाइनिंग शुरू करने जा रही है जो विकासशील देशों को ध्यान में रखते हुए डिजाइनिंग करेंगी। कंपनी भारत की विभिन्न फुटवियर कंपनियों के साथ जाब वर्क के लिए समझौता करने की कोशिश कर रही है। स्वीडन में इरिक्सन, वोल्वो,आइकिया, सैंडविक, अल्फा लावल औऱ साब जैसी बड़ी कंपनियां गोयल के साथ बैठक करेंगी।

    रेयर अर्थ मैगनेट के विकल्प पर गंभीरता से विचार कर रहा है भारत

    गोयल ने बताया कि भारत रेयर अर्थ मैगनेट को लेकर चीन के रवैये के चलते इसके विकल्प पर गंभीरता से काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उद्योग जगत के साथ विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत जारी है और इसके विकल्प को तैयार करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही हमारे उद्यमियों को चीन से रेयर अर्थ मैगनेट प्राप्त करने की अनुमति मिल जाएगी। इस संबंध में भी बातचीत जारी है।

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