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चीन के अरमानों पर भारत ने फेरा पानी, तीस्ता नदी के जल प्रबंधन के लिए बांग्लादेश जाएगी टीम; शेख हसीना से हुई डील

पड़ोसी देश बांग्लादेश की तीस्ता नदी के जल प्रबंधन का काम हथियाने को इच्छुक चीन को फिलहाल मुंह की खानी पड़ी है। नई दिल्ली में पीएम नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की आमंत्रित पीएम शेख हसीना के बीच बैठक में यह सहमति बनी है कि तीस्ता नदी जल प्रबंधन पर वार्ता के लिए शीघ्र ही भारत की एक तकनीकी टीम ढाका का दौरा करेगी।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sat, 22 Jun 2024 11:00 PM (IST)
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तीस्ता नदी के जल प्रबंधन का काम हथियाने को इच्छुक चीन को फिलहाल मुंह की खानी पड़ी है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पड़ोसी देश बांग्लादेश की तीस्ता नदी के जल प्रबंधन का काम हथियाने को इच्छुक चीन को फिलहाल मुंह की खानी पड़ी है। नई दिल्ली में पीएम नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की आमंत्रित पीएम शेख हसीना के बीच बैठक में यह सहमति बनी है कि तीस्ता नदी जल प्रबंधन पर वार्ता के लिए शीघ्र ही भारत की एक तकनीकी टीम ढाका का दौरा करेगी।

शेख हसीना से तीस्ता पर हुई बात

इसकी घोषणा स्वयं पीएम मोदी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान की। यह टीम तीस्ता नदी के गाद को साफ करने और इसे पुराने स्वरूप में पुनस्र्थापित करने का रोडमैप तैयार करेगी। इसके साथ ही गंगा जल नदी बंटवारे को नये सिरे से लागू करने और एक समग्र कारोबार समझौते पर भी वार्ता शुरू करने का फैसला किया है। भारत में पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद पीएम हसीना पहली वैश्विक नेता हैं जो आधिकारिक यात्रा पर आमंत्रित की गई हैं।

शनिवार को दोनों प्रधानमंत्रियों की बैठक के बाद 10 समझौतों पर हस्ताक्षर भी किये गये हैं। इसमें तीस्ता को लेकर बनी सहमति कई मायनों में खास है। तीस्ता नदी भारतीय राज्य सिक्कम व पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है। हसीना सरकार ने तीन वर्ष पहले इसकी सफाई करने और इसका पुराना स्वरूप लाने की योजना बनाई थी। इस पर तकरीबन एक अरब डॉलर (मौजूदा कीमत में 8300 करोड़ रुपये) की लागत आने की संभावना है।

तीस्ता विवाद पर भारत ऐसा नहीं चाहता था

बांग्लादेश की मीडिया के मुताबिक, चीन की तरफ से इस नदी के जल प्रबंधन का पूरा कार्य अपनी लागत से कराने का प्रस्ताव हसीना सरकार को दिया गया है। चीन को इस काम का ठेका मिलने का मतलब होता कि इस नदी का सारा डाटा उसके पास चला जाता। चीन के साथ अपने रिश्तों की संवेदनशीलता व तीस्ता नदी की अहमियत को देखते भारत ऐसा नहीं चाहता था।

पीएम हसीना अगले महीने (जुलाई, 2024) में बीजिंग की यात्रा पर जाने वाली हैं। कई जानकार बताते हैं कि बीजिंग यात्रा से पहले भारत के साथ तीस्ता पर बात करके हसीना ने चीन की तरफ से पड़ने वाले किसी संभावित दबाव के खतरे को टाल दिया है। भारत और बांग्लादेश के 54 नदियों को साझा करते हैं और इसको लेकर दोनों देशों में कई तरह का सहयोग चल रहा है।

पीएम मोदी ने साझा प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "54 साझा नदियां, भारत और बांग्लादेश को जोडती हैं। बाढ़ प्रबंधन, पेयजल परियोजनाओं पर हम सहयोग करते आये हैं। हमने 1996 की गंगा जल बंटवारे के रिन्यूअल के लिए तकनीकी स्तर पर बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया है। बांग्लादेश में तीस्ता नदी के संरक्षण एवं प्रबंधन पर बातचीत के लिए शीघ्र ही एक टेक्निकल टीम बांग्लादेश का दौरा करेगी।"

समग्र कारोबार समझौते पर जल्द शुरू होगी बात

पीएम मोदी ने बताया कि समग्र कारोबार समझौते (सीपा) पर जल्द ही बातचीत शुरू किया जाएगा। डिजिटल, हरित साझेदारी और समुद्र आधारित इकोनमी से जुड़े क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए तीन अहम समझौते भी किये गये हैं। इसके अलावा भारतीय अंतरिक्ष यान से बांग्लादेश के लिए खास तौर पर निर्मित सैटेलाइट को स्थापित करने की सहमति भी बनी है। इसके साथ ही एक आम बांग्लादेशी नागरिकों के हितों के लिए एक बड़ी घोषणा यह की गई है कि अब ईलाज के लिए उन्हें भारत ई-वीजा की सुविधा देगा। भारत में बड़ी संख्या में बांग्लादेश के लोग ईलाज के लिए आते हैं। वहां से भारत आने वाले लोगों में 30 फीसद इस श्रेणी के ही होते हैं।

पीएम मोदी ने कहा, "मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए बांग्लादेश से भारत आने वाले लोगों के लिए, भारत ई-मेडिकल वीजा सुविधा शुरू करेगा। बांग्लादेश के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए हमने रंगपुर में एक नया सहायक उच्चायोग खोलने का निर्णय लिया है। बांग्लादेश के साथ हम अपने संबंधों को हम अत्यधिक प्राथमिकता देते हैं। मैं बंगबंधु के स्थिर, समृद्ध और प्रगतिशील बांग्लादेश के विजन को साकार करने में, भारत की प्रतिबद्धता को दोहराता हूं। 2026 में बांग्लादेश विकासशील देश बनने जा रहा है। मुझे पूरा विश्वास है कि, हम साथ मिल कर 'विकसित भारत 2047' और 'स्मार्ट बांग्लादेश 2041' के संकल्पों को सिद्धि तक ले जायेंगे।"