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भारत-फ्रांस द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास 'वरुण' का समापन, युद्धपोत की धमक का गवाह बना पश्चिमी समुद्री तट

भारत और फ्रांस के बीच वरुण नामक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास 16 से लेकर 20 जनवरी तक आयोजित किया गया। इस दौरान उन्नत वायु रक्षा अभ्यास सामरिक युद्धाभ्यास सतह पर गोलीबारी और अन्य समुद्री संचालन का पश्चिमी समुद्री तट गवाह बना।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 21 Jan 2023 07:57 PM (IST)
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भारत-फ्रांस द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास 'वरुण' का समापन
नई दिल्ली, एएनआई। भारत और फ्रांस के बीच में शुक्रवार को 21वें द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास 'वरुण' का समापन हो गया। इस अभ्यास को लेकर फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन ने शनिवार को भारत और फ्रांस की साझेदारी को मजबूत बताते हुए कहा कि इतिहास में हम एक-दूसरे के लिए हमेशा से रहे हैं।

इमैनुएल लेनैन ने कहा कि अपने अस्तित्व के 40वें वर्ष का जश्न मना रही हमारी नौसेनाओं ने वायु-समुद्र संयुक्त अभ्यास 'वरुण' का समापन किया। हमारी साझेदारी बहुत मजबूत है और इतिहास में हम एक-दूसरे के लिए हमेशा से रहे हैं। हम परमाणु टेस्ट और कारगिल युद्ध का समर्थन करते रहे हैं।

16 से 20 तक चला नौसैनिक अभ्यास

वरुण नामक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास 16 से लेकर 20 जनवरी तक आयोजित किया गया। इस दौरान उन्नत वायु रक्षा अभ्यास, सामरिक युद्धाभ्यास, सतह पर गोलीबारी और अन्य समुद्री संचालन का पश्चिमी समुद्री तट गवाह बना। साल 1993 से शुरू किए गए इस अभ्यास को साल 2001 में 'वरुण' नाम दिया गया था। साथ ही इस अभ्यास को भारत-फ्रांस रणनीतिक संबंधों की पहचान के तौर पर भी देखा जाता है।

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इस अभ्यास में स्वदेशी गाइडेड मिसाइल स्टील्थ डिस्ट्रॉयर आईएनएस चेन्नई, युद्धपोत आईएनएस तेग, समुद्री गश्ती विमान P-8I और डोर्नियर, इंटीग्रल हेलीकॉप्टर और मिग 29के लड़ाकू विमान ने हिस्सा लिया।

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