हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य अभ्यास पर सहमत हुए भारत और जर्मनी, रक्षा संबंधी मुद्दों पर हुई बातचीत
भारत और जर्मनी ने द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों में रक्षा सहयोग को मुख्य स्तंभ के रूप में विकसित करने पर जोर दिया है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने जबकि जर्मनी का नेतृत्व रक्षा मंत्रालय के विदेश सचिव बेनेडिक्ट जिमर ने किया। दोनों ओर से कई द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा संबंधी मुद्दों पर बातचीत की गई। उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर बात की।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत और जर्मनी ने द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों में रक्षा सहयोग को मुख्य स्तंभ के रूप में विकसित करने पर जोर दिया है। बर्लिन में दोनों देशों की उच्च रक्षा समिति की बैठक में मंगलवार को रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के रास्तों पर चर्चा की गई।
अधिकारियों ने कहा कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संयुक्त सैन्य अभ्यास करने पर सहमत हुए हैं। यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों को दर्शाता है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने, जबकि जर्मनी का नेतृत्व रक्षा मंत्रालय के विदेश सचिव बेनेडिक्ट जिमर ने किया। दोनों ओर से कई द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा संबंधी मुद्दों पर बातचीत की गई। उन्होंने क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर बात की।
इस दौरान संभावित रक्षा और औद्योगिक परियोजनाओं और प्रस्तावों पर भी चर्चा की। भारतीय तटरक्षक जहाज श्रीलंका पहुंचा भारत का दो तटरक्षक जहाज श्रीलंका के गाल बंदरगाह पहुंचा है। पेशेवर आदान-प्रदान की सुविधा और संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास आयोजित करने के लिए यह एक औपचारिक यात्रा है।
इसमें तटरक्षक जहाज समर्थ और अभिनव शामिल हैं। भारतीय उच्चायुक्त की ओर से कहा गया है कि ये जहाज दो से पांच मार्च के बीच कोलंबो का दौरा करेंगे। इस यात्रा का मकसद समुद्री सहयोग और दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत बनाना है।
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