जानें- पिछले चार वर्षों में भारत ने कितने पाकिस्तानी, बांग्लादेशी और अफगान अल्पसंख्यकों को दी नागरिकता
राय ने उल्लेख किया कि वर्ष 2018 2019 2020 और 2021 के दौरान पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू सिख जैन और ईसाई अल्पसंख्यक समूहों से प्राप्त नागरिकता आवेदनों की संख्या 8244 थी। सरकार ने इस अवधि के दौरान 3117 आवेदकों को भारतीय नागरिकता प्रदान की है।
By Nitin AroraEdited By: Updated: Wed, 22 Dec 2021 02:12 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। पिछले चार वर्षों में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के कुल 3117 अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई, गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा।
संसद सदस्य डा के केशव राव ने वर्ष 2018, 2019, 2020 और 2021 के दौरान पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, जैन और ईसाई अल्पसंख्यक समूहों से प्राप्त कुल नागरिकता आवेदनों के बारे में सवाल पूछा था और उनमें से कितने को भारतीय नागरिकता मंजूर की गई।
अपने जवाब में, राय ने उल्लेख किया कि वर्ष 2018, 2019, 2020 और 2021 के दौरान पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, जैन और ईसाई अल्पसंख्यक समूहों से प्राप्त नागरिकता आवेदनों की संख्या 8244 थी। सरकार ने इस अवधि के दौरान 3117 आवेदकों को भारतीय नागरिकता प्रदान की है।
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, जैन और ईसाई अल्पसंख्यक समूहों से सरकार द्वारा प्राप्त कुल अनुरोधों के बारे में पूछे जाने पर, जिन्होंने 2018, 2019, 2020 और 2021 के दौरान भारतीय क्षेत्र में शरण मांगी थी। उन्होंने कहा कि शरण चाहने वालों सहित सभी विदेशी नागरिक विदेशी अधिनियम, 1946, विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम, 1939, पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 और नागरिकता अधिनियम, 1955 में निहित प्रावधानों द्वारा शासित होते हैं।
गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, भारतीय नागरिकता के लिए लंबित लगभग 70 प्रतिशत आवेदन पाकिस्तानियों के हैं। बुधवार को संसद सदस्य अब्दुल वहाब द्वारा पूछे गए उनकी वर्तमान नागरिकता के डेटा सहित भारतीय नागरिकता के लिए वर्तमान आवेदकों के विवरण के जवाब में, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने उल्लेख किया कि भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले 10,635 आवेदकों में से 14 दिसंबर, 2021 तक, 7,306 पाकिस्तान से थे।
मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान से 1,152 आवेदन लंबित थे, इसके बाद स्टेटलेस से 428, श्रीलंका और अमेरिका से 223, नेपाल से 189 और बांग्लादेश से 161 आवेदन लंबित थे। चीन के करीब 10 आवेदकों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था।बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र खत्म हो चुका है। लोकसभा के बाद राज्यसभा भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि शीतकालीन सत्र में सदन का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा। उन्होंने कहा, 'यह बेहतर हो सकता था। सभी को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है कि क्या गलत हुआ। नियमों, विनियमों, प्रक्रियाओं और मिसालों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।'