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चांद के बाद अब शुक्र ग्रह पर जाने की तैयारी में भारत, इसरो प्रमुख ने सूर्य मिशन को लेकर भी दिया नया अपडेट

इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने चंद्रयान-3 के बाद अगले मिशन के बारे में अपडेट दिया है। उन्होंने बताया कि इसरो का अगला टारगेट आदित्य एल-1 मिशन को लॉन्च करना है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस मिशन के लॉन्च की तारीख भी जल्द ही घोषित की जाएगी। उन्होंने मीडिया के सामने कहा कि भारत के पास चंद्रमा मंगल और शुक्र की यात्रा करने की क्षमता है।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 27 Aug 2023 09:35 AM (IST)
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मून मिशन के बाद सूर्य मिशन के लिए तैयार इसरो
नई दिल्ली, एजेंसी। चंद्रयान-3 के चांद पर सफल लैंडिंग के बाद पूरे देश को इसरो (ISRO) पर गर्व है। इसी बीच इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा है कि भारत स्पेस सेक्टर में और भी कई बुलंदियां छू सकता है, जिसके लिए उन्हें निवेश की और सहयोग की जरूरत है।

आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत

दरअसल, मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए एस सोमनाथ (S Somnath) ने कहा, "भारत के पास चंद्रमा, मंगल और शुक्र की यात्रा करने की क्षमता है, लेकिन हमें अपना आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत है। हमें और अधिक निवेश की आवश्यकता है और अंतरिक्ष क्षेत्र का विकास होना चाहिए। इससे पूरे देश का विकास होना चाहिए, यही हमारा मिशन है। हम उस विजन को पूरा करने के लिए तैयार हैं, जो पीएम मोदी ने हमें दिया था।"

सितंबर में पहला सूर्य मिशन लॉन्च करने की तैयारी

इसरो की ओर से चंद्रयान-3 के सफल मिशन के बाद सूर्य मिशन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि देश का पहला सौर मिशन आदित्य-एल1 (Aditya-L1) तैयार है और इसे सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च किया जाएगा।

उन्होंने कहा, "आदित्य- एल1 उपग्रह तैयार है। यह श्रीहरिकोटा पहुंच गया है और पीएसएलवी से जुड़ गया है। इसरो का अगला लक्ष्य इसका प्रक्षेपण (Launch) करना है। प्रक्षेपण सितंबर के पहले सप्ताह में होगा। तारीख की घोषणा दो दिनों के भीतर की जाएगी। आदित्य- एल1 उपग्रह (Aditya L1 satellite) प्रक्षेपण के बाद अण्डाकार कक्षा में जाएगा और वहां से वह एल1 बिंदु तक यात्रा करेगा, जिसमें लगभग 120 दिन लगेंगे।"

इसरो वैज्ञानिकों से मिलने पहुंचे थे पीएम मोदी

चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के सफल लैंडिंग के बाद हर तरफ इसरो के वैज्ञानिकों की वाहवाही हो रही है। देश ही नहीं, विदेश की स्पेस एजेंसियों ने इसरो का लोहा माना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ब्रिक्स सम्मेलन से लौटने के बाद सीधा बेंगलुरु में इसरो वैज्ञानिकों से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने इसरो के सफल मिशन के लिए वैज्ञानिकों की तारीफ की और आगे भी सहयोग देने की बात कही।  

23 अगस्त को घोषित किया राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बेंगलुरु में इसरो वैज्ञानिकों से मुलाकात की और घोषणा की कि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग के उपलक्ष्य में 23 अगस्त को हर साल राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जाएगा।

शिव शक्ति और तिरंगा प्वाइंट से होगा प्रचलित

इसके अलावा, पीएम मोदी ने यह भी घोषणा की कि चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर के टचडाउन स्पॉट को अब से 'शिव शक्ति' प्वाइंट के नाम से जाना जाएगा, जबकि चंद्रयान -2 चंद्र लैंडिंग बिंदु को 'तिरंगा' प्वाइंट कहा जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा कि यह 'शिव शक्ति' प्वाइंट आने वाली पीढ़ियों को लोगों के कल्याण के लिए विज्ञान का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेगा। लोगों का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्रतिबद्धता है।