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QS World University Ranking में भारत ने चीन को पछाड़ा, लिस्ट में IISC बेंगलुरु, IIT बॉम्बे समेत ये सात यूनिवर्सिटी

QS World University Ranking क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग जारी की गई है। रैंकिंग में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। इस लिस्ट में भारत के 148 विश्वविद्यालय शामिल किए गए हैं। चीन के 133 और जापान के 96 विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। इस बार भारत के विश्वविद्यालयों की संख्या में इजाफा हुआ है। भारत की सात यूनिवर्सिटी शामिल हुई हैं।

By AgencyEdited By: Manish NegiUpdated: Wed, 08 Nov 2023 11:35 PM (IST)
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क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत का जलवा
एजेंसी, नई दिल्ली। क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत ने चीन को पीछे छोड़ दिया है। इस सूची में जहां इस बार के भारत के 148 विश्वविद्यालय शामिल किए गए हैं, वहीं चीन के 133 और जापान के 96 विश्वविद्यालय हैं। पिछली रैंकिंग के मुकाबले भारत के विश्वविद्यालयों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस बार पिछले साल की तुलना में 37 विश्वविद्यालय ज्यादा हैं।

15 सालों में पहली बार चीन से आगे भारत

भारत ने आउटबाउंड स्टूडेंट मोबिलिटी (विदेश जाने वाले छात्रों) में भी उपलब्धि हासिल की है। अमेरिका में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ भारत 15 वर्षों में पहली बार चीन से आगे निकल गया है। खास बात ये है कि 2014 में क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग में मात्र 16 भारतीय संस्थान ही शामिल थे, लेकिन अब यह संख्या डेढ़ सौ के करीब जा पहुंची है। यानी पिछले कुछ वर्षों में उच्च शिक्षा में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।

रैंकिंग में सबसे ज्यादा यूनिवर्सिटी भारत की

बुधवार को जारी रैंकिंग के मुताबिक, इस सूची में सबसे ज्यादा यूनिवर्सिटी भारत की हैं। म्यांमार, कंबोडिया और नेपाल ने पहली बार रैंकिंग सूची में जगह पाई है। पिछले साल की तरह आईआईएससी बेंगलुरु, दिल्ली विश्वविद्यालय और आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली, मद्रास, खड़गपुर और कानपुर ने एशिया के शीर्ष 100 संस्थानों में स्थान हासिल किया है। देश में आईआईटी बॉम्बे ने अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है।

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क्या बोले क्यूएस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष?

क्यूएस में वरिष्ठ उपाध्यक्ष बेन साटर ने कहा कि क्यूएस रैंकिंग में भारतीय विश्वविद्यालयों की बढ़ती संख्या भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य के विस्तार को दर्शाती है। भारत वैश्विक शैक्षणिक क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करेगा। भारत एकेडमिक रेपुटेशन (शैक्षणिक प्रतिष्ठा) और एंप्लायर रेपुटेशन (नियोक्ता प्रतिष्ठा) में क्षेत्रीय औसत से नीचे है, लेकिन इसने 10 से अधिक विश्वविद्यालयों के साथ उच्च शिक्षा व्यवस्था में प्रति संकाय मीट्रिक पेपर में दूसरा सबसे अच्छा क्षेत्रीय परिणाम हासिल किया है।

क्यूएस ने एक बयान में कहा कि भारत ने पीएचडी इंडिकेटर (संकेतक) में कर्मचारियों के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ औसत अंक हासिल किए हैं, जो मजबूत अनुसंधान परिणाम और उच्च योग्यता प्राप्त संकाय निकाय का संकेत देता है। बयान में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क इंडिकेटर में भारत का प्रदर्शन 15.4 अंक के साथ क्षेत्रीय औसत 18.8 अंक से थोड़ा नीचे है। भारत दो महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को हासिल करने का प्रयास करता प्रतीत होता है। ये हैं- देश में बड़ी संख्या में छात्रों की जरूरतों को पूरा करना और अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को आकर्षित करना। दोनों क्षेत्रों में एक साथ दक्षता हासिल करना एक बड़ी चुनौती है।

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