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भारत की बुनियाद मजबूत करने के लिए चाहिए 143 लाख करोड़ रुपये! एक्सपर्ट बोले- पैसे जुटाना बड़ी चुनौती नहीं...

अगले सात सालों में (वर्ष 2024 से वर्ष 2030 तक) देश में ढांचागत सुविधाओं को उन्नत बनाने के लिए 143 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। यह निवेश पिछले सात सालों में ढांचागत क्षेत्र पर खर्च की गई राशि 67 लाख करोड़ रुपये से दो गुने से भी ज्यादा की है। एक्सपर्ट का कहना है कि भारतीय इकोनॉमी की क्षमता को देखते हुए इतना पैसा जुटाना बड़ी चुनौती नहीं होगी।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Tue, 17 Oct 2023 07:56 PM (IST)
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मुख्य ढांचागत क्षेत्र में खर्च होंगे 96 लाख करोड़ रुपये (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगले सात सालों में (वर्ष 2024 से वर्ष 2030 तक) देश में ढांचागत सुविधाओं को उन्नत बनाने के लिए 143 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। यह निवेश पिछले सात सालों में ढांचागत क्षेत्र पर खर्च की गई राशि 67 लाख करोड़ रुपये से दो गुने से भी ज्यादा की है।

इस राशि का इतंजाम करना बहुत कठिन नहीं होगा और अगर इस भारी-भरकम निवेश की राशि का सही तरीके से इस्तेमाल कर लिया गया तो देश की आर्थिक विकास की दर 7.5 फीसद या इससे भी ज्यादा जा सकती है। यह बात आर्थिक शोध एजेंसी क्रिसिल ने मंगलवार (17 अक्टूबर) को इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर कान्कलेव में जारी रिपोर्ट में कही है।

मुख्य ढांचागत क्षेत्र में खर्च होंगे 96 लाख करोड़ रुपये

क्रिसिल का अभी यह आकलन है कि साल 2031 तक भारत की औसत आर्थिक विकास दर 6.7 फीसद रहेगी और यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज गति से बढ़ती हुई इकोनमी बना रहेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024-30 के बीच भारत के मुख्य ढांचागत क्षेत्र जैसे सड़क, रेलमार्ग, पुल आदि के क्षेत्र में 96.8 लाख करोड़ रुपये, बिजली क्षेत्र में 39.1 लाख करोड़ रुपये और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में 7 लाख करोड़ रुपये का निवेश किये जाने का प्रस्ताव है।

साल 2031 तक दोगुनी हो जाएगी प्रति व्यक्ति आय

क्रिसिल लिमिटेड के एमडी व सीइओ अमिश मेहता का कहना है कि भारतीय इकोनॉमी की जो क्षमता है उसको देखते हुए इस बड़ी धनराशि को जुटाना कोई बड़ी चुनौती नहीं होनी चाहिए। क्रिसिल मानती है कि भारत को साल 2031 तक एक मध्यम आय वाले देश में ले जाने के लिए उक्त निवेश की अहम भूमिका होगी। उनका कहना है कि भारत की मौजूदा प्रति व्यक्ति आय 2500 डॉलर वर्ष 2031 तक 4500 डॉलर हो जाएगी। प्रति व्यक्ति आय का तकरीबन दोगुना होना ही देश की इकोनॉमी को कई तरह से लाभान्वित कराएगा। यह निवेश आगे चल कर भारत की आर्थिक विकास दर को 7 से 8 फीसद सालाना करने में भी मदद करेगा।

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