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Bangladesh Protests: बांग्लादेश के हालात पर भारत की पैनी नजर, अगर और बिगड़ी स्थिति तो उठा सकता है यह बड़ा कदम

Bangladesh Protests सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ बांग्लादेश में आंदोलन हिंसक हो गया है। अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है। इंटरनेट सेवा भी ठप है। न्यूज चैनलों का प्रसारण भी बंद है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश की स्थिति पर उसकी पूरी नजर है। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी निगरानी में जुटे हैं।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sat, 20 Jul 2024 02:00 AM (IST)
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Bangladesh Protests: विदेश मंत्री एस. जयशंकर। (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम (आरक्षण) के खिलाफ काफी हिंसक हो चुके आंदोलन को भारत ने बांग्लादेश का आंतरिक मामला बताया है। वहां के हालात पर विदेश मंत्रालय पैनी नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर स्वयं पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं।

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भारतीय नागरिकों को सर्तक रहने की सलाह

बांग्लादेश में रहने वाले 8,500 छात्रों समेत 15 हजार भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने के साथ ही ढाका स्थित अपने उच्चायोग के साथ संपर्क में रहने को कहा गया है। अगर स्थिति और बिगड़ती है तो भारत अपने नागरिकों को वहां से निकालने की व्यवस्था भी कर सकता है।

भारत ने बताया बांग्लादेश का आंतरिक मामला

बांग्लादेश की स्थिति को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, 'बांग्लादेश में जारी प्रदर्शन को हम वहां का आंतरिक मामला मानते हैं। हमने भारतीय नागरिकों व अपने छात्रों के लिए सुझाव जारी किया है। 24 घंटे चलने वाला संपर्क नंबर भी स्थापित किया गया है, ताकि भारतीय नागरिक जरूरत पड़ने पर संपर्क कर सकें।

सूचनाओं पर नजर खें परिजन

विदेश मंत्री जयशंकर भी मामले पर करीबी नजर रखे हुए हैं। हमारे उच्चायुक्त लगातार वहां नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने वहां स्थानीय प्रशासन से भी लगातार संपर्क बना रखा है। वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों के परिजनों से भी आग्रह है कि वह हमारी सूचनाओं पर नजर रखें। हम अपने नागरिकों की हरसंभव मदद करने को प्रतिबद्ध हैं।

शेख हसीना ने भारत के साथ रिश्तों को किया मजबूत

भारत की तरफ से इस पूरे प्रकरण को बांग्लादेश का आंतरिक मामला कहना प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए राहत भरी खबर होगी। पीएम हसीना ने पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ मिलकर हाल के वर्षों में भारत और बांग्लादेश के रिश्ते को काफी मजबूत किया है। सनद रहे कि 2023 में जब भाजपा की एक नेता ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी तब कई मुस्लिम देशों ने इसकी भ‌र्त्सना की थी लेकिन शेख हसीना सरकार ने इसे भारत का आंतरिक मामला करार दिया था।

कट्टरपंथी समूहों ने आंदोलन को दिया समर्थन

अभी बांग्लादेश में कुछ ही दिनों में कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं, उससे भारत चिंतित है। एक वजह इस आंदोलन को कुछ कट्टरपंथी समूहों की तरफ से दिया जाने वाला समर्थन है। पीएम हसीना ने भी विपक्षी दल बीएनपी व जमात-ए-इस्लामी पर आरोप लगाया कि वह आंदोलन को हिंसक बनाने में मदद कर रहे हैं। भारत को इस बात की चिंता है कि जमात जैसी कट्टर धार्मिक पार्टी के आंदोलन में आने से इसका स्वरूप बिगड़ सकता है।

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