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दुश्मनी का भाव रखने वाले को भारत मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार, चीन से सीमा विवाद के बीच राजनाथ का बड़ा बयान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत हर तरह के साजो-सामान से लैस है सक्षम है और दुश्मनी का भाव रखने वाले को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत का समूचा सुरक्षा तंत्र इस समय ऊर्जा से भरा हुआ है। मोदी सरकार की विकासोन्मुखी नीतियों के चलते भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर ऐसा शक्तिशाली देश बनकर उभरा है जिसके पास आत्मनिर्भर सेना है।

By Agency Edited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 07 Mar 2024 08:23 PM (IST)
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फोटो: एएनआई )
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत हर तरह के साजो-सामान से लैस है, सक्षम है और दुश्मनी का भाव रखने वाले को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बात चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में चार वर्ष से जारी सीमा विवाद और हिंद महासागर में चीनी सेना की बढ़ी हुई गतिविधियों के बीच कही है। वह एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में बोल रहे थे।

रक्षा मंत्री ने क्या कुछ कहा?

रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत का समूचा सुरक्षा तंत्र इस समय ऊर्जा से भरा हुआ है। मोदी सरकार की विकासोन्मुखी नीतियों के चलते भारत अंतरराष्ट्रीय मंच पर ऐसा शक्तिशाली देश बनकर उभरा है जिसके पास आत्मनिर्भर सेना है। उन्होंने कहा,

पूर्व के किसी कालखंड से तुलना में भारत आज सबसे ज्यादा मजबूत है। मोदी सरकार ने भारतीयता को केंद्र में रखकर देश की ताकत बढ़ाई है। इस सिलसिले में वर्तमान और पूर्व सरकारों के नजरिये ने बहुत ज्यादा असर डाला। मोदी सरकार ने भारत के लोगों की क्षमता पर विश्वास किया और उसे बढ़ाने का कार्य किया, जबकि पूर्व की सरकारें भारतीयों की क्षमता को लेकर असमंजस में रहती थीं।

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'आत्मविश्वास से लबरेज हैं हमारी सेनाएं'

रक्षा मंत्री ने कहा कि आज हमारी सेनाएं आत्मविश्वास से लबरेज हैं, ऐसा इसलिए है क्योंकि केंद्र में मजबूत नेतृत्व है। हमारे सैनिकों का मनोबल ऊंचा रहे, इसके लिए हम लगातार कार्य कर रहे हैं। हम अपने सैनिकों को अच्छे से अच्छे हथियारों से लैस कर रहे हैं। उन्हें हर तरह से सक्षम बना रहे हैं, जिससे वे दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार रहें। भारतीय सेनाएं अब दुश्मनी का भाव रखने वाले किसी भी देश को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह वक्तव्य इसलिए और ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि पूर्वी लद्दाख में बीते चार वर्ष से भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। हिंद महासागर में भी दोनों देशों की नौसेनाएं मोर्चेबंदी में जुटी हुई हैं।

पांच वर्ष में रक्षा निर्यात 50 हजार करोड़ करने का लक्ष्य

रक्षा मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना ने हमारे रक्षा उत्पादन क्षेत्र को बदलकर रख दिया है। रक्षा क्षेत्र में हम बढ़ते समय के साथ आत्मनिर्भरता के नए प्रतिमान गढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में विकसित हो रहे डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर इसके उदाहरण हैं। रक्षा बजट की 75 प्रतिशत धनराशि से केवल स्वदेशी उत्पाद खरीदने की नीति हमारी सोच का सबसे बड़ा उदाहरण है।

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उन्होंने कहा कि 2014 में हमारा रक्षा उत्पादन 40 हजार करोड़ रुपये का था, जो अब बढ़कर एक लाख दस हजार करोड़ रुपये के पार हो चुका है। इसी प्रकार से रक्षा उपकरणों का हमारा निर्यात साल दर साल बढ़ते हुए अब 16 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। हमें पूरा भरोसा है कि वर्ष 2028-29 तक हम इसे 50 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाने में सफल होंगे।