Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

भारत-जापान में टू प्लस टू वार्ता, हिंद प्रशांत क्षेत्र के साथ सैन्य सहयोग से जुड़े तमाम मुद्दों पर भी हुई चर्चा

भारत और जापान के रक्षा व विदेश मंत्रियों की अध्यक्षता में हुई टू प्लस टू वार्ता मंगलवार को संपन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और जापान के रिश्ते मोटे तौर पर मुक्त आजाद व कानून सम्मत हिंद प्रशांत क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। बैठक में राजनाथ सिंह जापान के विदेश मंत्री कामिकावा योको और रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा उपस्थित थे।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Tue, 20 Aug 2024 11:57 PM (IST)
Hero Image
भारत-जापान में टू प्लस टू वार्ता, सैन्य सहयोग से जुड़े तमाम मुद्दों पर भी हुई चर्चा

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और जापान के रक्षा व विदेश मंत्रियों की अध्यक्षता में हुई टू प्लस टू वार्ता मंगलवार को संपन्न हुई। बैठक में कूटनीतिक, रणनीतिक, आर्थिक, प्रौद्योगिकी व सैन्य सहयोग से जुड़े तमाम मुद्दों पर बात हुई है। वैसे हिंद प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और इस समूचे महासागरीय क्षेत्र में नौवहन व परिवहन की आजादी व स्वतंत्रता से जुड़े मुद्दे खास तौर पर उठे।

एस जयशंकर ने कही ये बात

बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और जापान के रिश्ते मोटे तौर पर मुक्त, आजाद व कानून सम्मत ¨हद प्रशांत क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। दोनों देशों के बीच रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जापान के विदेश मंत्री कामिकावा योको और रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा उपस्थित थे। यह दोनों देशों के बीच तीसरी टू प्लस टू वार्ता थी। इस तरह की वार्ता भारत बहुत ही गिने चुने देशों के साथ करता है और जापान भी कुछ ही देशों के साथ इस तरह की उच्चस्तरीय समग्र वार्ता करता है।

जयशंकर ने कहा -'पिछले एक दशक में हमारे रिश्तों ने विशेष रणनीति व वैश्विक साझेदारी का रूप ले लिया है। जिस तरह से हमारे हितों का विस्तार हो रहा है व गतिविधियां बढ़ रही हैं, उसके मद्देनजर ही हमारे रिश्ते भी रूप ले रहे हैं। अभी हम दोनों देश एक अस्थिर दुनिया की तरफ बढ़ रहे हैं तब हमें भरोसेमंद साझेदारों की जरूरत है। ऐसे में हमें एक-दूसरे के प्रयासों में मदद करनी चाहिए और एक-दूसरे की स्थिति को मजबूत करना चाहिए।'

जयशंकर ने कहा कि भारत ने वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य रखा है और इसमें हम घरेलू स्तर पर अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने की भी मंशा रखते हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जापान के साथ सैन्य क्षेत्र में सहयोग बहुत ही जरूरी होगा।

राजनाथ सिंह ने कही ये बात

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में हमारे बीच जो संबंध बन रहे हैं, वह काफी प्रशंसनीय है। वर्ष 2022 में दूसरी टू प्लस टू वार्ता में सैन्य संबंधों को लेकर जो फैसले किए थे, उनमें काफी अच्छी प्रगति हुई है। कुछ मामलों में तो उम्मीद से भी बेहतर प्रगति हुई है। दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित हो रहा है। पहली बार एक ही वर्ष में तीनों सेनाओं के बीच अभ्यास हुए हैं। दोनों देशों के बीच डिफेंस डायलॉग की शुरुआत भी हो चुकी है।

हम हिंद प्रशांत क्षेत्र में एक समान विचार रखते हैं- राजनाथ

राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में तकनीकी वार्ता में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। भारत घरेलू रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की तरफ अग्रसर है और जापान के साथ साझेदारी भारत को सैन्य निर्माण में एक वैश्विक हब बनाएगी। हम हिंद प्रशांत क्षेत्र में एक समान विचार रखते हैं। आज की बैठक में इस पूरे क्षेत्र को स्थिर बनाने को लेकर खास तौर पर बात हुई है। हम इसको लेकर प्रतिबद्ध हैं।