सेमीकंडक्टर व बुलेट ट्रेन परियोजना पर होगी भारत-जापान में बात, 20 सितंबर को दोनों देशों के बीच टू-प्लस-प्लस वार्ता
भारत और जापान अपने सामरिक हितों को मजबूत करने के लिए गठित व्यवस्था टू-प्लस-टू वार्ता के तहत तीसरे दौर की वार्ता अगले हफ्ते मंगलवार को करेंगे। दोनों देशों के रक्षा व विदेश मंत्रियों की बैठक को द्विपक्षीय रिश्तों को दिशा देने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने को लेकर जापान में राजनीतिक सहमति है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और जापान अपने सैन्य, आर्थिक व कूटनीतिक रिश्तों के रोडमैप की समीक्षा करने जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच संबंधों को गहराने के लिए गठित व्यवस्था टू-प्लस-टू वार्ता के तहत तीसरे दौर की वार्ता अगले हफ्ते मंगलवार (20 अगस्त, 2024) को होने वाली है। इसके पहले वर्ष 2019 और वर्ष 2022 में यह वार्ता हुई थी।
इन मुद्दों पर होगी वार्ता
दोनों देशों के रक्षा व विदेश मंत्रियों की बैठक को द्विपक्षीय रिश्तों को दिशा देने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। इस बार की बैठक में सेमीकंडक्टर और बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा के साथ ही हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के एजेंडे पर भी बात होगी। इसके अलावा रक्षा संबंधों के नये आयामों पर भी बात होगी।
भारत और जापान के बीच होगी अहम बैठक
08 सितंबर, 2022 को दूसरी टू प्लस टू वार्ता में रक्षा संबंधों को लेकर काफी महत्वाकांक्षी रोडमैप बना था, लेकिन उस पर अभी तक प्रगति कोई खास नहीं रही है। भारत और जापान के बीच यह बैठक तब हो होने जा रही है जब जापान में राजनीतिक अस्थिरता फिर से हावी है। पीएम फुमिया किशिदा ने इस्तीफा देने की घोषणा की है और वहां जल्द ही नये प्रधानमंत्री की नियुक्ति की जानी है। ऐसे में मौजूदा कामीकावा योको और रक्षा मंत्री मीनोरू कीहारा के भी बदले जाने की संभावना है।पिछली बैठक में इस बात पर बनी थी सहमति
वैसे भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने को लेकर जापान में राजनीतिक सहमति है। सरकार बदलने से इस पर कोई असर नहीं होता। इसके बावजूद राजनीतिक अस्थिरता की वजह से जिस तरह से वार्ता आगे बढ़नी चाहिए वैसी नहीं बढ़ पाती है। बहरहाल, बताया जा रहा है कि अगले हफ्ते की बैठक के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच रक्षा अभ्यासों को और गहन बनाने पर बात होने वाली है। पिछली बैठक में यह सहमति बनी थी कि मौजूद रक्षा अभ्यास व्यवस्था को अत्याधुनिक बनाया जाएगा।
वर्ष 2022 में जापान ने अपने रक्षा तंत्र को पांच वर्षों में अत्याधुनिक बनाने के साथ ही हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर नई नीति का घोषणा की थी। इन दोनों घोषणाओं में भारत की अहमियत का भी जिक्र किया गया था। इस बारे में भी आगामी टू प्लस टू वार्ता में बातचीत होने की संभावना है।