भारत का सबसे बड़ा मंदिर, जहां भगवान राम ने विभीषण को विष्णु रूप में दिए थे दर्शन; पढ़ें खासियत
Sri Ranganathaswamy Temple आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि भारत का सबसे बड़ा मंदिर है। यही नहीं यह दुनिया के सबसे बड़े पूजनीय मंदिरों में से भी एक है। यहां भगवान विष्णु श्री रंगनाथ स्वामी एवं मां लक्ष्मी रंगनायकी के रूप में वास करते हैं। जानें इस मंदिर की खासियत।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दक्षिण भारत में कई विशाल और प्राचीन मंदिर हैं, जो काफी प्रसिद्ध भी हैं। उन्हीं में से एक है, श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर, जो कि दुनिया के सबसे बड़े पूजनीय मंदिरों में से भी एक है। यह मंदिर तमिलनाडु में कावेरी और कालीदाम नदी के बीच टापू पर स्थित है।
भगवान श्री रंगनाथ स्वामी यानी शेषशैय्या पर लेटे हुए भगवान श्री हरि विष्णु के साथ-साथ यहां भगवान राम, कृष्ण व लक्ष्मी भी मौजूद हैं। मंदिर परिसर 155 एकड़ में फैला हुआ है। माना जाता है कि इसी स्थान पर भगवान राम ने विभीषण को विष्णु रूप में दर्शन दिए थे।
भगवान विष्णु का वास
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मंदिर में भगवान राम लंबे समय तक देवताओं की पूजा करते थे। इसके बाद रावण पर जीत के बाद उन्होंने विभीषण को यह मंदिर सौंप दिया था। मान्यता है कि लंका से वापसी के दौरान भगवान विष्णु विभीषण के सामने प्रकट हुए थे और इस स्थान पर रंगनाथ के रूप में रहने की इच्छा जताई थी। तब से कहा जाता है कि भगवान विष्णु श्री रंगनाथ स्वामी के रूप में यहां वास करते हैं।(श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर। Source-tamilnadutourism.com)
इसका गोपुरम दक्षिण भारत में सबसे ऊंचा 237 फीट का है। मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी का उत्वस बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। इसते अलावा तमिल महीने मार्गजी (दिसंबर-जनवरी) के दौरान वार्षिक 21 दिन का त्यौहार भी किया जाता है, जिसमें लगभग 10 लाख लोग यहां आते हैं।