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पिछले कुछ सालों में 759 बाघों की हुई मौत, सबसे ज्यादा महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में दर्ज हुए मामले

सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले आठ सालों में करीब 750 बाघों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में दर्ज की गई है।

By Ayushi TyagiEdited By: Updated: Thu, 04 Jun 2020 02:59 PM (IST)
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पिछले कुछ सालों में 759 बाघों की हुई मौत, सबसे ज्यादा महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में दर्ज हुए मामले
नई दिल्ली, पीटीआई। पिछले आठ वर्षों में अवैध शिकार और अन्य कारणों से देश में 750 बाघों (टाइगज) की मौत हो गई है, मध्य प्रदेश ने आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 173 पर सबसे अधिक हताहतों की संख्या दर्ज की है। बाघों की इन कुल मृत्यु में  इन कुल बाघों की मृत्यु में से 369 प्राकृतिक कारणों से, 168 अवैध शिकार के कारण, 70 मौतें जांच के दायरे में और 42 अप्राकृतिक कारणों से हुई हैं, जिनमें दुर्घटना या संघर्ष की घटनाएं शामिल हैं। 

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने इस पीटीआई संवाददाता द्वारा दायर एक आरटीआई क्वेरी के जवाब में कहा, 2012 और 2019 के बीच आठ साल की अवधि के दौरान 101 बड़ी बिल्लियों (बाघ) की जब्ती हुई। NTCA को 2010 और मई 2020 के बीच बाघों की मौतों का विवरण साझा करने के लिए कहा गया था।

हालांकि, इसने 2012 से शुरू होने वाले आठ वर्षों के लिए केवल डेटा प्रदान किया। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिसंबर में कहा था कि देश में बाघों की आबादी पिछले चार सालों में 2,226 से 2,976 हो गई है।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिसंबर में कहा था कि देश में बाघों की आबादी पिछले चार सालों में 2,226 से 2,976 हो गई है। जावड़ेकर ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि अब बाघ की गिनती 2,976 है। हमें अपनी संपूर्ण पारिस्थितिकीय प्रणाली पर गर्व होना चाहिए। पिछले चार वर्षों में बाघों की संख्या में 750 की वृद्धि हुई है।

इस दौरान मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 173 मौतें हुईं, जिनमें से 38 अवैध शिकार, 94 प्राकृतिक मौतें, 19 जांच के कारण, छह अप्राकृतिक कारणों और 16 बरामदगी के कारण हुईं। महाराष्ट्र में दूसरी सबसे ज्यादा मौतें हुईं, क्योंकि इस दौरान 125 बड़ी बिल्लियों की मौत हुई, इसके बाद कर्नाटक में 111, उत्तराखंड में 88, तमिलनाडु और असम में 54, केरल और उत्तर प्रदेश में 35, राजस्थान में 17, बिहार में 11 और पश्चिम बंगाल और 10 छत्तीसगढ़ में हैं। एनटीसीए ने कहा कि ओडिशा और आंध्र प्रदेश में सात, तेलंगाना में पांच, दिल्ली और नागालैंड में दो-दो और आंध्र प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में एक-एक मौत हुई है।

अवैध शिकार के कारण बाघों की मौत का विवरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक ने अवैध शिकार के कारण प्रत्येक में 28 बाघ खो दिए, असम में 17, उत्तराखंड में 14, उत्तर प्रदेश में 12, तमिलनाडु में 11, केरल में छह और राजस्थान में तीन।