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Maldives President Muizzu: चीन के पिछलग्गू मुइज्जू ने चुनाव में पहनी थी 'इंडिया आउट' लिखी टी-शर्ट, भारत-मालदीव के रिश्ते में ऐसे बढ़ी तल्खी

यह बात जगजाहिर है कि मालदीव की बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन ही सबसे बेहतरीन तरीका है। 2022 में कुल 2.41 लाख भारतीय मालदीव गए थे जिसके बाद यहां आए कुल पर्यटकों में भारत पहला देश था और ऐसा ही 2021 में भी था क्योंकि उस साल भी 2.91 लाख भारतीय मालदीव गए थे जो अन्य देश के पर्यटकों में सबसे अधिक था।

By Shalini Kumari Edited By: Shalini Kumari Updated: Tue, 16 Jan 2024 01:19 PM (IST)
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भारत- मालदीव रिश्ते में आई तल्खी के कई कारण
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। India-Maldives Relation: इन दिनों भारत और मालदीव के संबंध धीरे-धीरे खराब होते नजर आ रहे हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरें सामने आने के बाद मालदीव के मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। इसी बीच, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन दौरे से वापस लौटने के बाद अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं।

इस खबर में हम आपको बताएंगे कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू कौन हैं और उनकी क्या विचारधारा है? साथ ही बताएंगे कि इनके राष्ट्रपति पद संभालने के बाद भारत के साथ उनके संबंध कैसे रहे और पहले भारत और मालदीव के संबंध कैसे रहे थे?

कौन हैं मोहम्मद मुइज्जू?

मोहम्मद मुइज्जू ने अक्टूबर में मालदीव के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली थी। वह मालदीव के मंत्री और माले के मेयर पद का कार्यभार भी संभाल चुके हैं। उन्होंने इंग्लैंड से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है और महज 45 साल की उम्र में देश के सबसे उच्च पद का कार्यभार संभाल रहे हैं।

जगजाहिर है चीन की ओर झुकाव

दरअसल, मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से ही भारत की चिंता बढ़ने लगी थी, क्योंकि मुइज्जू हमेशा से खुले तौर पर भारत के विरोध में नजर आए हैं। उन्होंने चुनाव के दौरान भी 'इंडिया आउट' का नारा दिया था, जिसके बाद उन्हें बहुमत से जीत मिली है। राष्ट्रपति मुइज्जू का झुकाव चीन की ओर ज्यादा है, यह हमेशा से जगजाहिर है।

यामीन के बेहद करीबी है मुइज्जू 

मुइज्जू का जेल में बंद अब्दुल्ला यामीन से बेहद करीबी रिश्ता है और यामीन पहले ही चीन के करीबी रहे थे। दरअसल, यामीन के दौरान चीन ने मालदीव में काफी इन्वेस्ट किया था। इस बात का भी पता चल गया है कि मुइज्जू का भी चीन के तरफ ही झुकाव रहा है। मुइज्जू का चीन की तरफ झुकाव होना भारत के लिए खतरा बन सकता है, इस बात की आशंका उनके चुनाव जीतने से पहले ही हो चुका था।

'इंडिया आउट का दिया नारा'

दरअसल, चुनाव से पहले ही मुइज्जू ने 'इंडिया आउट' का नारा दिया था। दरअसल, वह मालदीव में भारतीय सैनिकों को वापस भारत भेजने की ओर इशारा कर रहे थे। उसके बाद भी उन्होंने भारी बहुमत से जीत हासिल कर ली। मुइज्जू की पार्टी 'पीपुल्स नेशनल कांग्रेस' को भी चीन समर्थक माना जाता है। मुइज्जू ने वादा किया था कि अगर वह चुनाव जीत जाते हैं, तो मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को वापस भेजेंगे और देश के कारोबारी संबंधों को संतुलित करेंगे।

भारत और मालदीव के संबंध

भारत और मालदीव के संबंध हमेशा से बेहद अच्छे और सौहार्दपूर्ण रहे हैं, लेकिन अब इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अगर भारत और मालदीव के रिश्तों की इतिहास की बात करें, तो यह काफी पुराना है। दरअसल, मालदीव पर ब्रिटिश का कब्जा था, जिस दौरान वह बहुत-सी चीजों के लिए भारत पर निर्भर रहा था।

आजादी के बाद मालदीव ने भारत के साथ सबसे पहले अपने राजनीतिक संबंध स्थापित किए थे। उस दौरान भारत ऐसा पहला देश था, जिसने मालदीव को स्वतंत्र देश की मान्यता दी थी। आजादी के बाद मालदीव कई मामलों में भारत पर निर्भर था और इसके साए में फला-फूला है।

मुश्किल घड़ी में साथ खड़ा रहा भारत

मीडिया खबरों के मुताबिक, 2004 में आई सुनामी के बाद भी मालदीव को संकट से उबरने के लिए भारत की मदद की जरूरत पड़ी थी, क्योंकि कोई अन्य देश उस दौरान तुरंत मालदीव का साथ देने के लिए तैयार नहीं था। इतना ही नहीं, कोरोना काल में भी भारत ने मालदीव की भरपूर मदद की थी।

भारत-मलादीव व्यापारिक संबंध

अगर हम भारत-मालदीव के बीच व्यापारिक संबंधों की बात करें तो, भारत सरकार के मुताबिक, 2021 में पहली बार दोनों देशों के बीच 300 मिलियन डॉलर से अधिक का व्यापार हुआ था। इतना ही नहीं, 2022 में दोनों देशों के बीच के व्यापार ने 500 मिलियन डॉलर का आंकड़ा भी पार कर लिया था।  

भारत-मालदीव के बीच पर्यटन से मुनाफा 

वहीं, अगर दोनों देशों के पर्यटन की बात करें तो, यह बात जगजाहिर है कि मालदीव की बेहतर अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन ही सबसे बेहतरीन तरीका है। पर्यटन ही मालदीव के विदेशी मुद्रा भंडार और राजस्व का अहम जरिया है। मालदीव में पर्यटकों की कुल संख्या में सबसे अधिक संख्या भारतीयों की रही है। भारत सरकार की ओर से पेश किए गए आंकड़ों की मानें तो 2023 की शुरुआत से लेकर 13 दिसंबर, 2023 तक 1.93 लाख भारतीय घूमने के लिए मालदीव पहुंचे हैं।

इसके साथ ही, 2022 में कुल 2.41 लाख भारतीय मालदीव गए थे, जिसके बाद यहां आए कुल पर्यटकों में भारत पहला देश था और ऐसा ही 2021 में भी था, क्योंकि उस साल भी 2.91 लाख भारतीय मालदीव गए थे, जो अन्य देश के पर्यटकों में सबसे अधिक था।

चीन से मालदीव की नजदीकियों से बढ़ेगी चिंता

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का चीन की ओर झुकाव साफ नजर आता है। मुइज्जू ने पुरानी परंपरा तोड़ते हुए राष्ट्रपति पद संभालने के बाद भारत की यात्रा न करके चीन की यात्रा की थी। इसके बाद चीन से लौटते ही मुइज्जू ने एलान किया है कि भारत 15 मार्च तक अपने सैनिकों को वापस बुला ले। इससे भारत की चिंता बढ़ सकती है। दरअसल, चीन ने पहले भी भारत के पड़ोसी देशों को बहला-फुसलाकर उनके प्रमुख स्थानों को लीज पर ले लिया है।

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इस समय मालदीव पर चीन का काफी कर्ज है, तो ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि ज्यादा समय बीतने पर चीन-मालदीव के प्रमुख बंदरगाहों और एयरपोर्ट को लीज पर ले सकता है। यह हमेशा से देखा गया है कि जिन देशों ने चीन से नजदीकियां बढ़ाई हैं, उनके तेवर भारत के प्रति काफी तीखे हो गए हैं।

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