भारत ने भर दी मालदीव की झोली, राष्ट्रपति मुइज्जू ने मदद के लिए पीएम मोदी को कहा धन्यवाद
मुइज्जू के साथ वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा मालदीव के लोगों की प्राथमिकताओं को प्रमुखता दी है। जब भी मालदीव संकट में होता है तो सबसे पहले भारत ही मदद करता है। उन्होंने बताया कि एसबीआई ने मालदीव को 10 करोड़ डॉलर के ट्रेजरी बिल्स के भुगतान के लिए ज्यादा वक्त दिया है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पिछले वर्ष भारत विरोधी अभियान चलाकर मालदीव की सत्ता हासिल करने वाले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अब भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने, भारतीय यूपीआई को स्वीकार करने, भारत को नया दूतावास खोलने की इजाजत देने, भारत की मदद से अपनी रक्षा क्षमता को मजबूत करने, ढांचागत क्षेत्र में भारतीय निवेश को बढ़ावा देने को तैयार हैं।
भारतीय पर्यटकों को आमंत्रित
पहली बार भारत की आधिकारिक दौरे पर आए राष्ट्रपति मुइज्जू की सोमवार को पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक हुई और इसमें वह अपनी चीन समर्थक छवि से पूरी तरह से भिन्न दिखे। जिन-जिन मुद्दों पर वह भारत का विरोध करते रहे हैं, अब उन सभी क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग को वह बढ़ाने को तैयार हैं। उन्होंने भारत से ज्यादा पर्यटकों को आमंत्रित किया और इसके साथ ही वित्तीय संकट से जूझते उनके देश को उबारने के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा भी की।
6400 करोड़ रुपये का पैकेज
मोदी और मुइज्जू की बैठक के दौरान दो घोषणाएं की गई, सहयोग की तीन नई शुरुआत हुई और कुल पांच समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसमें मालदीव के वित्तीय संकट को दूर करने के लिए कुल 6400 करोड़ रुपये का पैकेज को लेकर किया गया करेंसी स्वैप समझौता भी शामिल है। इस समझौते के तहत मालदीव की मुद्रा के बदले 40 करोड़ डॉलर और 3000 करोड़ रुपये भारतीय मुद्रा उपलब्ध कराई जाएगी। इस बेल आउट पैकेज से विदेशी मुद्रा संकट से जूझते मालदीव को भारी राहत मिलेगी।मोदी-मुइज्जू वार्ता में फैसले
- मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता शुरू करेंगे भारत-मालदीव
- रुपे कार्ड चलेगा मालदीव में, यूपीए की भी होगी शुरुआत
- रक्षा सहयोग बढ़ाने पर बनी सहमति: समुद्री सुरक्षा पर होगा खास जोर
- दोनों देश एक-दूसरे के यहां नए दूतावास खोलेंगे
- मालदीव को भारतीय मदद से ढांचागत निर्माण का काम तेज होगा
- भारत की मदद से तैयार नये रनवे की शुरुआत
भारत व मालदीव के बीच मुक्त व्यापार समझौते
श्रीलंका के बाद मालदीव दूसरा पड़ोसी देश है जिसे भारत ने वित्तीय संकट से उबारा है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने इसके लिए खास तौर पर भारत सरकार को धन्यवाद किया है। भारत के साथ रक्षा सहयोग के खिलाफ झंडा बुलंद करने वाले मुइज्जू ने पीएम मोदी के साथ मिलकर आर्थिक व समुद्री सुरक्षा साझेदारी का दृष्टि-पत्र जारी किया है जो दोनों देशों के बीच नये संबंधों का रोडमैप होगा। इसके तहत दोनों नेताओं ने घोषणा की है कि जल्द ही भारत व मालदीव के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर वार्ता शुरू की जाएगी। साथ ही विदेशी मुद्रा पर निर्भरता खत्म करते हुए दोनों देश आपसी मुद्रा में कारोबार को बढ़ावा देंगे।
नये रनवे का उद्घाटन
पीएम मोदी ने कहा कि हमने मालदीव में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए व्यापक सहयोग पर बात की है। हनीमाधु अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भारत की मदद से निर्मित नये रनवे का उद्घाटन किया है। ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को और तेज किया जाएगा। साथ ही थिलाफुसी में एक नये कमर्शियल पोर्ट के विकास में भी सहयोग दिया जाएगा। भारत की मदद से निर्मित 700 से ज्यादा सोशल आवासों की चाबी भी मालदीव को सौंपी गई है। मालदीव के 28 आइलैंड्स पर पानी और सीवरेज प्रोजेक्ट्स पूरे किये गए हैं। छह अन्य आइलैंड्स पर भी शीघ्र काम पूरा किया जायेगा।रक्षा प्लेटफॉर्म व दूसरी सुविधाएं उपलब्ध
इन परियोजनाओं के अलावा मालदीव में रुपे कार्ड को स्वीकार करने की लॉन्चिंग भी हुई। पीएम मोदी ने बताया कि आने वाले समय में यूपीआई भी मालदीव में स्वीकार होगा। रक्षा व सुरक्षा सहयोग पर वार्ता सोमवार को दोनों नेताओं के बीच काफी विस्तार से वार्ता हुई। भारत के कुछ सैन्यकर्मियों के मालदीव में उपस्थिति को राजनीतिक मुद्दा बनाने वाले मुइज्जू इस बात पर राजी हुए कि मालदीव की प्राथमिकताओं के हिसाब से भारत उसे रक्षा प्लेटफॉर्म व दूसरी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा।