India Maldives Row: मालदीव ने अपने ही पैर पर मार ली कुल्हाड़ी? इस कारण भारत से पंगा लेना पड़ सकता है भारी
India Maldives Row मालदीव के मंत्रियों की पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आई है। भारत के लोग अब मालदीव पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और बायकॉट मालदीव की बात कह रहे हैं। भारत के साथ विवाद के बाद मालदीव को काफी नुकसान भी झेलना पड़ सकता है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। India Maldives Row पीएम मोदी पर मालदीव के मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद से दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास पैदा हो गई है। एक ओर जहां भारत ने टिप्पणियों के खिलाफ विरोध दर्ज कराया, वहीं दूसरे देशों ने भी भारत का साथ दिया।
इस बीच भारत के लोग और कई बड़ी हस्तियां भी मालदीव पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। लोगों ने मालदीव घूमने की जगह लक्षद्वीप जाने की बात कही है। इसी के साथ बायकॉट मालदीव भी काफी ट्रेंड करने लगा और कई विदेशी टूर बुकिंग एजेंसियों ने मालदीव पैकेज को बंद करने का भी एलान किया।
भारत के साथ विवाद के बाद मालदीव को काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है। आखिर ऐसा क्यों है, आइए जानते हैं...
पर्यटकों की संख्या में आई गिरावट
भारत से विवाद गहराने के बाद मालदीव के पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है। भारत से ही सैकड़ों लोगों ने अपनी यात्रा निरस्त की है। इसके साथ ही मेक माय ट्रिप और इज माय ट्रिप ने मालदीव के लिए अपनी बुकिंग कैंसिल कर दी।
दूसरा सबसे बड़ा पर्यटन बाजार है भारत
मालदीव के लिए भारत दूसरा सबसे बड़ा पर्यटन बाजार है। भारतीय सैलानी बड़ी संख्या में मालदीव की यात्रा पर जाते हैं। हाल के वर्षों में मालदीव में पर्यटकों की संख्या भारत का लगातार महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिससे यह शीर्ष पसंदीदा अवकाश स्थलों में से एक बन गया है।
हो सकता है बड़ा नुकसान
मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 2023 के पहले 11 महीनों में भारत द्वीप राष्ट्र के लिए पर्यटकों का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत था। इस अवधि के दौरान 183,371 सैलानी मालदीव गए थे।
भारत से सैलानियों का मालदीव न जाना इस देश के लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकता है। हाल ही में बड़ी संख्या में भारतीयों ने मालदीव का बायकॉट कर लक्षद्वीप जाने की बात कही है।
सबसे ज्यादा रूस से आते हैं सैलानी
बता दें कि मालदीव में सबसे ज्यादा सैलानी पिछले साल रूस से आए थे। पिछले साल 1 लाख 91हजार 117 रूस के सैलानियों ने मालदीव की यात्रा की थी। वहीं, तीसरे नंबर पर चीन रहा था, जिसके 1 लाख 75 हजार 592 लोग मालदीव गए थे।