Monsoon 2024 Update: बार-बार क्यों दगा दे रहा मानसून? मौसम विभाग ने जारी किए चिंताजनक आंकड़े
भारत में अब तक मानसून की बारिश सामान्य से पांच गुना कम रही है। यह कृषि क्षेत्र के लिए चिंताजनक विषय बना हुआ है। आंकड़ों के अनुसार सोयाबीन कपास गन्ना और दालों की खेती वाले मध्य भारत में बारिश की कमी बढ़कर 29% हो गई है जबकि धान की खेती वाले दक्षिणी क्षेत्र में मानसून के समय से पहले आने के कारण सामान्य से 17% अधिक बारिश हुई है।
रॉयटर्स, मुंबई। कम बारिश भारत के किसानों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें पता चला है कि भारत में अब तक मानसून की बारिश सामान्य से पांच गुना कम रही है, जो महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्र के लिए चिंताजनक संकेत है।
जानकारी के लिए बता दें कि कृषि क्षेत्र एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक है। आमतौर पर ग्रीष्मकालीन वर्षा 1 जून के आसपास दक्षिण में शुरू होती है और 8 जुलाई तक पूरे देश में फैल जाती है। इस बीच किसानों को चावल, कपास, सोयाबीन और गन्ना जैसी फसलें उगाने का मौका मिलता है।
1 जून से कम हुई बारिश
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 जून से भारत में सामान्य से 20% कम वर्षा हुई है। कुछ दक्षिणी राज्यों को छोड़कर लगभग सभी क्षेत्रों में कम वर्षा हुई है और कुछ उत्तर-पश्चिमी राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है। आंकड़ों के अनुसार, सोयाबीन, कपास, गन्ना और दालों की खेती वाले मध्य भारत में बारिश की कमी बढ़कर 29% हो गई है, जबकि धान की खेती वाले दक्षिणी क्षेत्र में मानसून के समय से पहले आने के कारण सामान्य से 17% अधिक बारिश हुई है।पूर्वोत्तर में अब तक सामान्य से 20% कम बारिश
पूर्वोत्तर में अब तक सामान्य से 20% कम बारिश हुई है और उत्तर-पश्चिम में लगभग 68% कम हुई है। बता दें कि लगभग 3.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा, मानसून भारत को खेतों में पानी देने और जलाशयों और जलभृतों को फिर से भरने के लिए आवश्यक लगभग 70% बारिश लाता है। आईएमडी के एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि मानसून की प्रगति रुकी हुई है। यह कमजोर हो गया है। लेकिन जब यह पुनर्जीवित होकर सक्रिय हो जाता है, तो यह थोड़े समय में ही बारिश की कमी को मिटा सकता है।अधिकारी ने कहा कि उत्तरी राज्यों में कुछ और दिनों तक लू चलने की संभावना है, लेकिन सप्ताहांत से तापमान में गिरावट शुरू हो सकती है।