India Myanmar Relations: म्यांमार के हालातों पर भारत सतर्क... सभी गतिविधियों पर नजर, विदेश मंत्रालय ने दिया नया महत्वपूर्ण अपडेट
संयुक्त राष्ट्र ने भी म्यांमार की स्थिति को लेकर चिंता जताई है। भारत की भावी रणनीति के बारे में सूत्रों ने कहा कि बहुत कुछ आने वाले दिनों में स्थिति किस तरह से करवट लेती है इस पर निर्भर करेगा। साथ ही चीन और अमेरिका के रवैये पर नजर रखना होगा। जहां तक भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा का मामला है तो इस पर कोई खतरा नहीं है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। म्यांमार में समूचे रखाइन प्रांत की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। वर्ष 2021 में तख्तापलट कर सत्ता हासिल करने वाले सैन्य प्रशासन के खिलाफ कई विद्रोही संगठनों का प्रतिरोध भारत के रणनीतिक हितों पर भी काफी उल्टा असर डालने की क्षमता रखता है। ऐसे में भारत सतर्क है और समूची गतिविधियों पर नजर रखे हुए है।
भारत की दो प्रमुख परियोजनाओं पर असर
इसके साथ ही रखाइन प्रांत स्थिति सित्तवे कंसुलेट से अपने कर्मचारियों को वहां से हटा दिया है। केंद्र सरकार ने समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति की लगातार समीक्षा कर रही है और सीमावर्ती राज्यों में सैन्य बलों को सतर्क भी कर दिया गया है। अस्थिरता बढ़ने से सित्तवे स्थित भारत की दो प्रमुख परियोजनाओं पर असर पड़ने की बात भी सामने आ रही है।
भारतीय नागरिकों के लिए एडवायजरी जारी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि हम लगातार म्यांमार, खास तौर पर रखाइन प्रांत की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। वहां अनिश्चितता बढ़ती जा रही है व हालात खराब हो रहे हैं। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए लगातार उचित कदम उठाये जा रहे हैं। इस बारे में एक एडवायजरी भी जारी की गई है। हम अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर व प्रतिबद्ध हैं और उनसे आग्रह करेंगे कि जरूरत पड़ने पर भारतीय दूतावास से संपर्क करें।सकुशल भारत लौट आएंगे भारतीय
जायसवाल ने यह भी बताया कि सित्तवे स्थित भारतीय कंसुलेट से कर्मचारियों को हटा दिया गया है लेकिन मांडले स्थित हमारा दूतावास पूरी तरह से काम कर रहा है। उत्तर प्रदेश के तीन युवकों के म्यांमार में लापता होने के बारे में जायसवाल ने बताया कि इसकी जानकारी दूतावास के पास है और उम्मीद है कि वह सकुशल भारत लौट आएंगे। इस तरह के मामलों को दूतावास प्राथमिकता के तौर पर लेता है।
क्यों बगड़े म्यांमार के हालात
म्यांमार में सबसे ज्यादा खराब स्थिति रखाइन प्रांत की है जो दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में है। इसका एक बड़ा हिस्सा बांग्लादेश से जुड़ा हुआ है। लेकिन कई विशेषज्ञ मान रहे हैं कि विद्रोही गुटों का असर मध्य म्यांमार की तरफ बढ़ता जा रहा है। कुछ हिस्सों से म्यांमार के विद्रोही सैनिकों के सामने सैन्य तानाशाही के समर्थक सैनिकों के घुटने टेकने की सूचनाएं भी प्राप्त हुई हैं।भारत की तरफ से हर सुरक्षा इंतजाम पूरे
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने भी म्यांमार की स्थिति को लेकर चिंता जताई है। भारत की भावी रणनीति के बारे में सूत्रों ने कहा कि बहुत कुछ आने वाले दिनों में स्थिति किस तरह से करवट लेती है, इस पर निर्भर करेगा। साथ ही चीन और अमेरिका के रवैये पर नजर रखना होगा। जहां तक भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा का मामला है तो इस पर तुरंत कोई खतरा नहीं है लेकिन चूंकि यह पूरा क्षेत्र ही कई वजहों से संवेदनशील है इसलिए भारत की तरफ से हर सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता किया जा रहा है।
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