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भारत को 2042 तक 2500 नए विमानों की होगी आवश्यकता, डैरेन हल्स्ट ने मालवाहक बेड़े में भी बढ़ोतरी की जताई संभावना

हवाई यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए भारत को 2042 तक 2500 नए विमानों की आवश्यकता होगी। बोइंग के कामर्शियल मार्केटिंग के वाइस प्रेसिडेंट डैरेन हल्स्ट ने कहा कि बढ़ती यात्री और कार्गो मांग को पूरा करने के लिए दक्षिण एशिया की विमानन कंपनियों को अगले दो दशक में अपने बेड़े में चौगुना वृद्धि करनी होगी और ऐसे में उन्हें 2705 से अधिक नए विमानों की आवश्यकता होगी।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Fri, 19 Jan 2024 08:01 PM (IST)
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भारत को 2042 तक 2500 नए विमानों की होगी आवश्यकताः बोइंग

पीटीआई, हैदराबाद। हवाई यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए भारत को 2042 तक 2500 नए विमानों की आवश्यकता होगी। बोइंग के कामर्शियल मार्केटिंग के वाइस प्रेसिडेंट डैरेन हल्स्ट ने कहा कि बढ़ती यात्री और कार्गो मांग को पूरा करने के लिए दक्षिण एशिया की विमानन कंपनियों को अगले दो दशक में अपने बेड़े में चौगुना वृद्धि करनी होगी और ऐसे में उन्हें 2,705 से अधिक नए विमानों की आवश्यकता होगी। जिन नए विमानों की आवश्यकता होगी, उसमें से 2300 से अधिक एकल गलियारा वाले होंगे, जबकि लंबी दूरी के लिए लगभग 400 चौड़ी बाडी वाले विमानों की आवश्यकता होगी।

भारत का मालवाहक बेड़ा अगले 20 वर्षों में 80 विमानों तक पहुंचने की संभावना

बोइंग के अनुसार, भारत एशिया में एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था है जो मांग के मामले में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मामले में महामारी पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है। हल्स्ट ने कहा कि उम्मीद है कि भारत का मालवाहक बेड़ा अगले 20 वर्षों में 80 विमानों तक पहुंच जाएगा, जबकि अभी मात्र 15 मालवाहक विमान हैं।

कंपनी गुणवत्ता पर दे रही ध्यानः डैरेन हल्स्ट

यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका में हाल ही में बोइंग विमान का दरवाजा हवा में उड़ जाने की घटना से विमान की डिलीवरी पर कोई फर्क पड़ेगा तो उन्होंने कहा कि ऐसा होने की उम्मीद बिल्कुल नहीं है। उन्होंने कहा कि कंपनी विमानों की डिलीवरी देने में संख्या का नहीं बल्कि गुणवत्ता पर ध्यान दे रही है।

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जेटसेटगो ने 280 हाइब्रिड विमानों के लिए किया समझौता

एयर टैक्सी जैसी सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनी जेटसेटगो ने तीन वैश्विक विमानन तकनीकी कंपनियों से 280 हाइब्रिड-इलेक्टि्रक विमानों की आपूर्ति के लिए समझौता किया है। यह सौदा 1.3 अरब डालर से अधिक मूल्य का है। इन विमानों को एक एयरपोर्ट से दूसरे एयरपोर्ट तक पहुंचने, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, इंट्रा सिटी शटल और शहरी हवाई टैक्स के लिए उपयोग किया जाएगा।

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2500 विमानों की आर्डर बुक हो जाएगी

विमानन अनुसंधान और परामर्श फर्म सीएपीए इंडिया ने उम्मीद जताई है कि अगले साल मार्च तक भारतीय विमानन कंपनियों के पास 2,000 विमानों की आर्डर बुक हो जाएगी। अभी घरेलू एयरलाइंस के पास करीब 1,620 विमानों की आर्डर बुक है और इसमें गुरुवार को अकासा एयर की तरफ से बोइंग को दिए गए 150 नए विमानों का आर्डर भी शामिल है। हालांकि, इसमें स्पाइसजेट के साथ-साथ परिचालन से बाहर गो-फ‌र्स्ट द्वारा दिए गए विमानों का आर्डर शामिल नहीं है। 2023 में भारतीय कंपनियों ने किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक विमानों का आर्डर दिया।

अकासा ने नोएडा से उड़ान शुरू करने का एलान किया

अकासा एयर ने नोएडा में बन रहे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से वाणिज्यिक उड़ान सेवा शुरू करने का एलान करने वाली दूसरी कंपनी बन गई है। इससे पहले इंडिगो ने हवाई सेवा शुरू करने का एलान किया था। नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के मुख्य कार्यकारी ने कहा- हम अपने एयरलाइन भागीदार के रूप में अकासा एयर का स्वागत करते हुए उत्साहित हैं। यह साझेदारी दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हवाई कनेक्टिविटी को मजबूत करने की हमारी प्रतिबद्धता को बताती है।