रेलवे बन रहा भारत-नेपाल संबंधों की कड़ी, जयनगर-जनकपुर विस्तारित रेल लाइन पर रविवार से शुरू होगी सेवा
India-Nepal Railway Network बिहार के जयनगर से नेपाल के कुर्था तक चालू रेल यातायात को रविवार से विस्तार मिलने जा रहा है। कुर्था से बिजलीपुरा तक लगभग 17 किमी का रेलवे ट्रैक बनकर पूरी तरह तैयार है। यह पूरी तरह भारत द्वारा वित्त पोषित है। नेपाल ने जमीन उपलब्ध कराई है। दूसरे चरण में लगभग छह अरब की लागत आई है।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Sat, 15 Jul 2023 11:10 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने नेपाल के साथ परंपरागत दोस्ती का दायरा बढ़ा दिया है। बिहार के जयनगर से नेपाल के कुर्था तक चालू रेल यातायात को रविवार से विस्तार मिलने जा रहा है। कुर्था से बिजलीपुरा तक लगभग 17 किमी का रेलवे ट्रैक बनकर पूरी तरह तैयार है। अब भारत-नेपाल रेलवे ट्रैक की कुल लंबाई 34 किमी से बढ़कर 52 किमी हो जाएगी।
नेपाल ने उपलब्ध कराई जमीन
यह पूरी तरह भारत द्वारा वित्त पोषित है। नेपाल ने जमीन उपलब्ध कराई है। दूसरे चरण में लगभग छह अरब की लागत आई है। नेपाल में भारतीय रेलवे के जयनगर-जनकपुर खंड के संचालन से धार्मिक पर्यटन में तेजी आने की संभावना है। इससे दोनों देशों के बीच अब आने-जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी। संबंधों को मजबूती मिलेगी। धार्मिक एवं व्यापारिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी।
परियोजना को कोंकण रेल कॉरपोरेशन एवं इरकॉन ने पूरा किया
रामायण एवं बुद्ध सर्किट में आना-जाना आसान होगा। दोनों देशों के लोगों को जनकपुर एवं अयोध्या की यात्रा करने में परेशानी नहीं होगी। भारत-नेपाल सीमा से जयनगर की दूरी किमी है। इस मार्ग पर जनकपुर धाम है जो जयनगर से 29 किमी दूर है।इस परियोजना को कोंकण रेल कॉरपोरेशन एवं इरकॉन ने पूरा किया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने पिछले वर्ष दो अप्रैल को संयुक्त रूप से भारत-नेपाल के बीच पहले चरण की रेल सेवा की शुरुआत की थी।
नेपाल के अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रहा भारतीय रेल
योजना को तीन चरणों में पूरा करना है। अंतिम चरण में इसे बिजलपुरा से आगे बर्दीबास तक ले जाना है। भारत-नेपाल ब्राडगेज रेल सेवा की लंबाई 68.72 किमी हो जाएगी। यह नेपाल में पहली ब्राडगेज यात्री रेल सेवा होगी। इसके पहले 2014 तक नेपाल द्वारा संचालित नैरोगेज रेल सेवा थी। भारतीय रेलवे नेपाल को रेल संचालन एवं रखरखाव प्रक्रियाओं को साझा करने के साथ ही नेपाल के अधिकारियों को प्रशिक्षण एवं सहयोग दे रहा है।नेपाल के कर्मचारियों के दक्ष होने तक भारत उन्हें हर तरह की सहायता देता रहेगा। 2018 में नरेन्द्र मोदी की नेपाल यात्रा के दौरान जनकपुर से अयोध्या के बीच सीधी बस सेवा भी शुरू की गई थी। भारत-नेपाल के बीच रेल सेवा 1937 में अंग्रेजों द्वारा शुरू की गई थी। इससे कीमती लकडि़यां ढोने का काम लिया जाता था। ¨कतु बाद में इसे बंद कर दिया गया।