भारत ने सस्ती और अच्छी शिक्षा से दुनिया को लुभाने की बनाई योजना, दस लाख विदेशी छात्रों को जोड़ने का रखा लक्ष्य
स्टडी इन इंडिया के तहत विदेशी छात्रों को ऑनलाइन या ऑफलाइन भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों से जोड़ने का रखा लक्ष्य। फिलहाल पांच सौ उच्च शिक्षण संस्थानों को इससे जोड़ा स्नातक से पीएचडी तक के कार्यक्रमों में एक लाख से ज्यादा सीटें विदेशी छात्रों के लिए की आरक्षित। साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर दुनिया भर में अपने दूतावासों के जरिए कोर्सों की ब्रांडिंग शुरू की है।
By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 13 Sep 2023 08:28 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारतीय उच्च शिक्षण संस्थान अपनी सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से अब न सिर्फ विदेशों को पलायन करने वाले अपने छात्रों को रोकेंगे बल्कि दुनिया के दूसरे देशों के छात्रों को भी अपनी ओर लुभाएंगे। फिलहाल स्टडी इन इंडिया ( एसआइआइ ) कार्यक्रम के तहत शिक्षा मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर एक दीर्घकालिक योजना तैयार की है।
जिसमें अमृतकाल में ही यानी वर्ष 2047 तक कम से कम दस लाख विदेशी छात्रों को देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में किसी न किसी रूप में पढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही अपने छात्रों के पलायन को भी न्यूनतम स्तर पर लाने की पहल की गई है।
विदेशी दूतावासों से भी मंत्रासय ने किया सम्पर्क
शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर दुनिया भर में अपने दूतावासों के जरिए न सिर्फ अपने संस्थानों और उनके प्रमुख कोर्सों की ब्रांडिंग शुरू की है, बल्कि यह संदेश भी देने में जुटा है कि वह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, जिसके पास उच्च शिक्षा का एक बड़ा नेटवर्क है। शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को इसे लेकर विदेशी दूतावासों व उच्च शिक्षा से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ एक लंबी चर्चा भी की है।
जिसमें अपनी योजना को सबसे सामने रखा है। इसके साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) आने के बाद उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता और शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी है। मौजूदा समय से दुनिया में सबसे अधिक पांच हजार से अधिक विश्वविद्यालय अमेरिका में है।
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शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक एसआइआइ कार्यक्रम के तहत सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए फिलहाल 500 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों को चिन्हित किया गया है। जहां विदेशी छात्रों की मदद के लिए केंद्र स्थापित किए जा रहे है। इसके साथ ही विदेशी छात्रों के लिए स्नातक (UG), स्नातकोत्तर (PG) व डाक्टरेट के लिए एक लाख से ज्यादा सीटें आरक्षित की गई है।
वहीं इसे लेकर 26 सौ से अधिक कोर्सों को भी चयन किया गया है। गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में एक हजार से ज्यादा विश्वविद्यालय और करीब 40 हजार कालेज है, जो उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे है।
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