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ग्रीनफील्ड परियोजनाओं को आकर्षित करने में तीसरे स्थान पर भारत, UNCTAD की सालाना विश्व इकोनोमिक रिपोर्ट जारी

नये निवेश आकर्षित करने में भारत की स्थिति सुधर रही है और वर्ष 2017 के बाद से हर वर्ष यहां होने वाले विदेशी निवेश की राशि बढ़ रही है। हालांकि बहुत सारे देश अभी एफडीआइ आकर्षित करने में भारत से काफी आगे हैं। लेकिन ग्रीनफील्ड परियोजनाओं को लगाने में और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय समझौते करने में भारत की स्थिति बहुत ही अच्छी हो गई है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 06 Jul 2023 08:56 PM (IST)
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ग्रीनफील्ड परियोजनाओं को आकर्षित करने में तीसरे स्थान पर भारत। फाइल फोटो।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नये निवेश आकर्षित करने में भारत की स्थिति सुधर रही है और वर्ष 2017 के बाद से हर वर्ष यहां होने वाले विदेशी निवेश की राशि बढ़ रही है। हालांकि, बहुत सारे देश अभी एफडीआइ आकर्षित करने में भारत से काफी आगे हैं। लेकिन ग्रीनफील्ड परियोजनाओं को लगाने में और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय समझौते करने में भारत की स्थिति बहुत ही अच्छी हो गई है।

विश्व इकोनोमिमक रिपोर्ट 2023 भारत के लिए क्यों है खास?

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी अंकटाड की तरफ से जारी विश्व इकोनोमिक रिपोर्ट 2023 बताती है कि ग्रीनफील्ड परियोजनाओं को लगाने में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं को अंतिम रूप देने वाले वित्तीय समझौतों के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। यह रिपोर्ट वर्ष 2022 के बारे में है।

भारत में बढ़ेगी निवेश की रफ्तार

यह इस बात का संकेत है कि कुल एफडीआइ भले ही भारत में अभी कम हो लेकिन जिस तरह से नई परियोजनाएं लगाई जा रही हैं उनका संकेत यह भी है कि भारत में निवेश की रफ्तार भी आगे बढ़ेगी। अंकटाड की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2021 व वर्ष 2022 में भारत सबसे ज्यादा विदेशी आकर्षित करने वाले शीर्ष 20 देशों की सूची में आठवें स्थान पर रहा है। इन दोनों वर्षों में भारत में क्रमश: 49 और 41 अरब डॉलर का निवेश किया गया है। अमेरिका पहले स्थान पर (285 और 388 अरब डॉलर) और चीन दूसरे स्थान पर (189 व 181 अरब डॉलर) है।

रिपोर्ट में फाक्सकान व वेदांता का भी जिक्र

इस रिपोर्ट में वर्ष 2022 में भारत में होने वाले दो बड़े निवेशों (फाक्सकान व वेदांता की तरफ से चिप मैन्यूफैक्चरिंग इकाई स्थापित करने के लिए 19 अरब डॉलर और टोटल व अदाणी समूह की पांच अरब डॉलर की ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना) का जिक्र है। हालांकि, ताजी सूचना मिलने तक इन दोनो परियोजनाओं पर अभी संदेह के बादल हैं।

देश में 1008 ग्रीनफील्ड परियोजना लगाने की हुई थी घोषणा

अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड परियोजनाओं को परिसंपत्तियों के निर्माण के मामले में सबसे मजबूत पक्ष के तौर पर देखा जाता है। इसका मतलब होता है कि विदेशी कंपनियां किस देश में कितनी नई परियोजनाएं लगा रही हैं। भारत में वर्ष 2022 में 1008 ग्रीनफील्ड परियोजना लगाने की घोषणा हुई है। भारत से ज्यादा सिर्फ अमेरिका (2075) और ब्रिटेन (1230) परियोजनाएं लगाई गई हैं।

एक वर्ष में 67 फीसद बढ़ी ग्रीनफील्ड परियोजनाओं की संख्या

भारत में लगने वाली ग्रीनफील्ड परियोजनाओं की संख्या में एक वर्ष में 67 फीसद बढ़ी हैं। इसी तरह से विदेशी निवेश परियोजनाओं को वित्तीय समझौते को अंतिम रूप देने में भारत दूसरे स्थान पर है। भारत में इस तरह के 187 परियोजनाओं को अंतिम रूप दिया गया है। 301 समझौतों के साथ अमेरिका पहले स्थान पर है। दूसर देशों में निवेश करने के मामले में भारत चीन व अमेरिका से ही नहीं बल्कि यूरोप के कई देशों से काफी पीछे है।

पहले स्थान पर हैं अमेरिकी कंपनियां

वर्ष 2021 में भारतीय कंपनियों ने विदेशों में 15 अरब डॉलर का और वर्ष 2022 में 17 अरब डॉलर का निवेश किया है। 373 अरब डॉलर और 350 अरब डॉलर के साथ अमेरिकी कंपनियां पहले स्थान पर हैं, जबकि 147 व 179 अरब डॉलर के निवेश के साथ चीन तीसरे स्थान पर है। यह देखने योग्य बात है कि आर्थिक विकास दर घटने के बावजूद चीन की कंपनियां विदेशों में काफी बढ़ कर निवेश कर रही हैं।