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भारत को रास नहीं आई अमेरिका की पाकिस्‍तान के प्रति नरम दिली, एफ-16 फाइटर जेट को अपग्रेड करने के फैसले का किया कड़ा विरोध

भारत ने अमेरिका द्वारा पाकिस्‍तान के एफ-16 विमानों को अपग्रेड करने के फैसले का कड़ा विरोध किया है। भारत का कहना है कि पाकिस्‍तान के निशाने पर हमेशा भारत ही रहा है। ऐसे में अमेरिका का ये फैसला गलत है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 11 Sep 2022 12:48 PM (IST)
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यूएस के समक्ष एफ-16 को अपग्रेड करने का भारत ने किया विरोध
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत को अमेरिका की पाकिस्‍तान के प्रति हमदर्दी रास नहीं आ रही है। यही वजह है कि भारत ने अमेरिका से पाकिस्‍तान को F-16 विमानों के लिए दिए पैकेज पर कड़ी नाराजगी जताई है। भारत ने कड़े शब्‍दों में दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू को अपनी नाराजगी के बारे सीधेतौर पर बता दिया है। भारत ने अमेरिका के इस फैसले की टाइमिंग को लेकर भी अमेरिका के समक्ष  सवाल उठाया हे। आपको बता दें कि अमेरिका के ताजा फैसले में बाइडन प्रशासन ने पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के फैसले को पलटते हुए ये निर्णय लिया है। गौरतलब है कि अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्‍तान एयरफोर्स को पूर्व में मिले एफ-16 फाइटर जेट को अपग्रेड करने का फैसला लिया है।

भारत की नाराजगी 

अमेरिका के इस फैसले पर भारत नाराज जरूर है भारत का ये भी मानना है कि इससे दोनों देशों के संबंधों कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि इससे कुछ मनमुटाव जरूर पैदा होगा। भारत की चिंता इस बात से भी है कि इस फैसले को लेने से पहले भारत को विश्‍वास में नहीं लिया गया और न ही निर्णय लेने से पहले भारत के विचार ही जाने गए। अमेरिका के इस फैसले की घोषणा के बाद भारतीय अधिकारियों ने जब लू के साथ बैठक की तो इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया। 

अमेरिका का फैसला 

भारत को उम्‍मीद है कि अमेरिका उसकी इस नाराजगी की वजह को समझेगा और भारत के सुरक्षा हितों का ध्यान रखेगा। हालांकि भारत ने इस मुद्दे पर अब तक सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा है। अमेरिका के ताजा फैसले में एफ-16 विमानों को अपग्रेड करने की बात जरूर की गई है लेकिन इसमें ये भी कहा गया है कि इस पैकेज में नई क्षमताएं, हथियार या युद्ध सामग्री शामिल नहीं होगी।

तालिबान की आशंका

आपको बता दें कि अमेरिका के इस फैसले से तालिबान के उन विचारों को बल मिला है जिसमें तालिबान की तरफ से कहा गया था कि पाकिस्‍तान अमेरिकी ड्रोन को अपना एयरस्‍पेस इस्‍तेमाल करने की इजाजद दे रहा है। पिछले दिनों अल कायदा प्रमुख अल जवाहिरी की मौत के बाद तालिबान ने पाकिस्‍तान पर इस तरह के आरोप लगाए थे। अमेरिका के इस फैसले के बाद तालिबान का मानना है कि एफ-16 विमानों को अपग्रेड करने का फैसला पाकिस्‍तान को जवाहिरी की मौत के ईनाम स्‍वरूप ही हासिल हुआ है।

एफ-16 की स्थिति

आपको यहां पर ये भी बता दें कि पाकिस्‍तान के पास जो एफ-16 फाइटर जेट हैं उनमें से कुछ काफी पुराने हैं तो कुछ अब आपरेशन में भी नहीं है। वर्ष 2018 में तत्‍कालिन डोनाल्‍ड ट्रंप ने पाकिस्‍तान में मौजूदा आतंकी समूहों के खिलाफ एक्‍शन न लेने की वजह से पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता निलंबित कर दी थी। बाइडन प्रशासन ने इसी फैसले को अब पलट दिया है। ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है और इस बाबत हुई वोटिंग में भारत ने अपनी तटस्‍थता को कायम रखा है।