धार्मिक स्वतंत्रता पर ज्ञान दे रहे अमेरिका को भारत ने फिर लगाई फटकार, कहा- पुरानी घटनाओं के माध्यम से गढ़ा गया नैरेटिव
भारत ने अमेरिका के विदेश मंत्राय द्वारा जारी उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत बढ़ने की बात कही गई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस रिपोर्ट में बहुत पक्षपात है और भारत के सामाजिक ताने-बाने की समझ का अभाव है। रणधीर जायसवाल ने कहा कि एक खास तरह की नैरेटिव गढ़ने के लिए इस रिपोर्ट में चुनिंदा घटनाओं को चुना गया है।
जानबूझकर कुछ घटनाओं का किया गया चयन
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
यह रिपोर्ट भारतीय न्यायपालिका के कुल फैसलों की सत्यनिष्ठता को भी चुनौती देता है। इस रिपोर्ट ने भारत के उन कानूनों पर भी सवाल उठाया है जो वित्तीय अनिमियतताओं को रोकने के लिए बनाये गये हैं। यह सवाल उठाता है कि क्या इस तरह के कानूनों की जरूरत है जबकि इस तरह के ही कठोर कानून अमेरिका में भी है। अमेरिका को इन सुझावों को खुद पर लागू करना चाहिए।#WATCH | On US State Department's 2023 religious freedom report on India, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "We have noted the release by the US State Department of its report on international religious Freedom for 2023. As in the past, the report is deeply biased, lacks an… pic.twitter.com/SvW6SUwft3
— ANI (@ANI) June 28, 2024
भारत और अमेरिका के बीच लगातार मानव अधिकारों के मुद्दे पर चर्चा होती रही है। पिछले वर्ष 2023 में भी भारत ने अमेरिका के समक्ष वहां होने वाले नफरत आधारित अपराधों, भारतीय नागरिकों के खिलाफ होने वाले नस्लीय हमलों, वहां पूजास्थलों व धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने वाले घटनाओं के साथ ही दूसरे देशों में आतंकवाद और कट्टरवाद की बात करने वाले तत्वों को राजनीतिक स्थान देने की घटनाओं को उठाया था। लेकिन इस तरह की वार्ता का मतलब यह नहीं है कि हमने दूसरे देशों को अपने आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का लाइसेंस दे दिया है।- रणधीर जायसवाल, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता