India China Relations: भारत ने चीन में उइगर मुस्लिमों की स्थिति पर कहा- लोगों के मानवाधिकार का हो सम्मान
चीन के शिनजियांग प्रांत के उइगर मुस्लिमों की स्थिति पर भारत ने पहली बार कोई प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा है कि शिनजियांग प्रांत के लोगों को मानवाधिकार की गारंटी मिलनी चाहिए और इसका सम्मान किया जाना चाहिए।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 07 Oct 2022 10:15 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन के शिनजियांग प्रांत के उइगर मुस्लिमों की स्थिति पर भारत ने पहली बार कोई प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा है कि शिनजियांग प्रांत के लोगों को मानवाधिकार की गारंटी मिलनी चाहिए और इसका सम्मान किया जाना चाहिए। भारत ने यह प्रतिक्रिया संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में उइगर मुस्लिमों के उत्पीड़न पर बहस कराने संबंधी अमेरिकी प्रस्ताव पर वोटिंग प्रक्रिया में अनुपस्थित रहने के एक दिन बाद दिया है।
उइगर स्वायत्त क्षेत्र के नागिरकों का हो सम्मान
बता दें कि UNHRC में भारत समेत 11 देश वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहा था और प्रस्ताव के खारिज होने से अमेरिका व पश्चिमी देशों की काफी किरकिरी हुई है। वोटिंग में भारत के अनुपस्थित रहने के बारे में सवाल पूछने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि उइगर स्वायत्त क्षेत्र के नागिरकों के मावनाधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए और इसकी गारंटी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष स्थिति को निष्पक्षता से देखेगी।
भारत मानवाधिकार की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत हमेशा से मानवाधिकार की रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध रहा है। लेकिन भारत का यह मानना है कि इस तरह के मामले में किसी खास देश को निशाना बनाये जाने वाले प्रस्ताव नहीं पेश किये जाने चाहिए। भारत इस तरह के मामले में बातचीत का पक्षधर है। बागची ने नई दिल्ली स्थित चीन के राजदूत की तरफ से भारत-चीन के रिश्तों के सामान्य होने का बयान देने को लेकर अपनी असहमति जताई है।
चीन के साथ तनाव खत्म करने की कोशिश जारी
अरिंदम बागची ने कहा कि दोनो देशों के बीच रिश्तों में तनाव को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। हाल ही में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से सैन्य वापसी का फैसला इसी संदर्भ में किया गया है। लेकिन स्थिति को अभी सामान्य नहीं कहा जा सकता है। ऐसा करने के लिए अभी कुछ कदम उठाये जाने हैं और दोनो तरफ से कदम उठाये जा रहे हैं। बागची ने कुछ दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर की तरफ से दिए गये बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनो देशों की सीमा पर अब एक समस्या कम हो गई है।
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