'2040 में चांद पर पहला भारतीय, 2035 में भारतीय स्पेस स्टेशन', ISRO के साथ PM मोदी की रिव्यू मीटिंग
पीएम मोदी ने गगनयान मिशन की तैयारियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक मिशन की तैयारियों का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित की गई थी। उच्च स्तरीय बैठक के दौरान इसरो के वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री के सामने एक व्यापक अवलोकन रखा। जिसमें मिशन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल थीं।
By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Tue, 17 Oct 2023 03:35 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली: पीएम मोदी ने गगनयान मिशन की तैयारियों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक मिशन की तैयारियों का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित की गई थी। उच्च स्तरीय बैठक के दौरान इसरो के वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री के सामने एक व्यापक रिपोर्ट रखी। जिसमें मिशन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल थीं।
चंद्रमा पर पहुंचने का लक्ष्य
बैठक को लेकर जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों से 2040 तक चंद्रमा पर पहले भारतीय को भेजने और 2035 तक एक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने का लक्ष्य रखने को कहा है। उन्होंने ये निर्देश गगनयान मिशन की तैयारियों और 21 अक्टूबर को होने वाली crew escape system test vehicle की पहली उड़ान की समीक्षा के लिए एक बैठक के दौरान दिए।
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India should aim to send man on moon by 2040, set up space station by 2035: PM Modi
— Press Trust of India (@PTI_News) October 17, 2023
नए महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को रखें
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने देश के अंतरिक्ष मिशनों को लेकर रूपरेखा तैयार की, साथ ही उन्होंने वैज्ञानिकों से वीनस ऑर्बिटर मिशन और मार्स लैंडर सहित अंतरग्रहीय मिशनों की दिशा में काम करने का आग्रह किया। दरअसल हाल ही में चंद्रयान -3 और आदित्य एल 1 मिशन सहित इसरो की सफलता के आधार पर, प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि भारत को अब नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को रखना चाहिए।
रोडमैप विकसित करेगा इसरो
प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए इसरो जल्द ही चंद्रमा पर पहले भारतीय को भेजने के लिए एक रोडमैप विकसित करेगा। इसके लिए चंद्रयान मिशनों की एक पूरी श्रृंखला होगी, साथ ही नई पीढ़ी के लॉन्च व्हिकल (NGLV) को विकसित करने पर काम किया जाएगा। इसके साथ एक नए लॉन्च पैड भी बनाया जाएगा और मानव-केंद्रित प्रयोगशालाओं के साथ संबंधित तकनीक विकसित की जाएंंगी।
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