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निज्जर मामले में गृह मंत्री अमित शाह का नाम लेने पर भड़का भारत, कनाडा को सुनाई खरी-खरी; कहा- गंभीर परिणाम होंगे

India Canada Row आतंकी निज्जर हत्याकांड मामले में कनाडा उकसावे की कार्रवाई से बाज नहीं आ रहा है। अब कनाडा के उप विदेश मंत्री ने इस मामले में संसदीय समिति की एक सुनवाई में भारत के गृह मंत्री अमित शाह का नाम ले लिया जिसके बाद भारत भड़क गया है। भारत ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि इस तरह के प्रयासों के गंभीर परिणाम होंगे।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 02 Nov 2024 09:13 PM (IST)
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भारत ने कनाडा की इन कार्रवाइयों के गंभीर परिणाम होने की चेतावनी दी है। (File Image)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड मामले को लेकर भारत और कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक विवाद और गहराता जा रहा है। पिछले दिनों में कनाडा के उप विदेश मंत्री की तरफ से इस मामले में संसदीय समिति की एक सुनवाई में भारत के गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिये जाने को भारत ने बेहद गंभीरता से लिया है।

इस मामले में एक दिन पहले कनाडा के भारतीय उच्चायोग के प्रतिनिधि को विदेश मंत्रालय में समन कर भारत के गहरे रोष से अवगत कराया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के उप विदेश मंत्री डेविड मारीसन के उक्त बयान का कड़ा विरोध जताते हुए एक राजनयिक नोट भी सौंपा है। भारत ने एक बार फिर दोहराया है कि मौजूदा ट्रुडो सरकार राजनीतिक एजेंडे के तहत काम कर रही है और वह जो कदम उठा रही है उससे दोनों देशों के रिश्तों पर गहरा असर होगा।

भारत ने जताया कड़ा विरोध

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने यहां कहा, 'हमने कल कनाडा के उच्चायोग के प्रतिनिधि को समन किया था। 29 अक्टूबर, 2024 को एक राजनयिक नोट उन्हें सौंपा गया है। हमने बताया है कि एक समिति के समक्ष कनाडा के उप व विदेश मंत्री डेविड मारीसन की तरफ से भारत के केंद्रीय गृह मंत्री के बारे में व्यक्त किये गये अनर्गल व निराधार संदर्भों को कड़ा विरोध करती है।'

उन्होंने कहा कि कनाडा के अधिकारी भारत को बदनाम करने व अन्य देशों को प्रभावित करने के लिए जानबूझकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया को आधारहीन सूचना प्रदान करते हैं। इस तरह के गैर जिम्मेदाराना कार्रवाइयों से द्विपीय संबंधों पर गंभीर परिणाम होंगे।

(कनाडा की लगातार उकसावे की कार्रवाई से दोनों देशों के संबंध नाजुक मोड़ पर पहुंच गए हैं। )

उच्चायोग के अधिकारियों की जासूसी की जा रही: भारत

जायसवाल ने बताया, 'कनाडा स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों की जासूसी की जा रही है। यह जानकारी कनाडा सरकार की तरफ से ही भारतीय अधिकारियों को दी गई है। उनके फोन को टेप किये जा रहे हैं। इस बारे में भी आधिकारिक तौर पर कनाडा सरकार के समक्ष विरोध जता दिया गया है कि यह राजनयिक समझौतों का खुला-खुला उल्लंघन है।'

उन्होंने कहा कि यह कनाडा सरकार की तरफ से भयभीत करने और प्रताड़ित करने का तरीका है, जिसे वह तकनीकी तौर पर छिपाने की कोशिश कर रही है। हमारे राजनयिक पहले से ही काफी अतिवादी व हिंसक माहौल में काम कर रहे हैं। कनाडा सरकार के इस कदम से स्थिति और खराब हो गई है।

कनाडा ने आग में घी डालने का किया काम 

कनाडा व भारत के लगातार बिगड़ते रिश्तों को हाल के दिनों में कनाडा सरकार के अधिकारी व एजेंसियों ने एक तरह से आग में घी डालने का काम किया है। उप विदेश मंत्री मारीसन के अलावा कनाडा की खुफिया एजेंसी ने एक ताजी रिपोर्ट में भारत को एक तरह से दुश्मन देशों की सूची में रखने का काम किया है। एजेंसी ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी अलगाववादियों की निगरानी के लिए साइबर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है।

इस पर जायसवाल ने कहा, 'यह भारत पर हमला करने की कनाडा की एक और रणनीति जान पड़ती है। कनाडा के वरिष्ठ अधिकारी खुलेआम यह बात स्वीकार कर रहे हैं कि वह भारत के खिलाफ वैश्विक मत बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि भारत के खिलाफ बगैर किसी सबूत के लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं।'

कनाडा ने नहीं दिए कोई सबूत: भारत

जायसवाल ने यह बात फिर दोहराई है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की सिंगापुर में कनाडा के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात हुई थी, लेकिन अभी तक कनाडा की तरफ सबूत का एक टुकड़ा भी भारत को नहीं दिया गया है। कनाडा सरकार की तरफ से दीवाली समारोह को रद्द किये जाने का फैसला भी भारत को नागवार गुजरा है।

जायसवाल के मुताबिक, 'यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि कनाडा का मौजूदा माहौल अतिवाद और असहिष्णुता के इस स्तर पर पहुंच गया है।' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की तरफ से कनाडा में रहने वाले भारतीय छात्रों व नौकरीपेशा लोगों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई गई है।