उपग्रह स्पेक्ट्रम के वैश्विक नियम में भारत की खास अहम भूमिका, ITU के RRB चुनाव में भारतीय महिला को मिला समर्थन
उपग्रह स्पेक्ट्रम को लेकर बनने वाली वैश्विक नीति में भारत की अहम भूमिका होगी जिससे टेक्नोलाजी के निर्यात में मदद मिलेगी। रेवथी इसरो में भी काम कर चुकी है और अभी टेलीकाम विभाग में स्पेक्ट्रम डिवीजन की प्रमुख है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अंतरराष्ट्रीय समूह इंटरनेशनल टेलीकाम यूनियन (आइटीयू) के रेडियो रेगुलेशन बोर्ड (आरआरबी) के चुनाव में भारत को जबरदस्त सफलता मिली है। भारत की तरफ से रेवथी मनेपल्ली ने आरआरबी का सदस्य बनने के लिए चुनाव लड़ा था और उन्हें 180 में से 139 वोट मिले। इस प्रकार आठ साल बाद भारत संयुक्त राष्ट्र से जुड़े समूह का सदस्य बन सका। आरआरबी उपग्रह स्पेक्ट्रम से संबंधित नियमों को बनाता है और उसका अनुसरण दुनिया भर में किया जाता है।
क्या है आरआरबी
आरआरबी में 12 सदस्य होते हैं। वर्ष 2014 में भारत आरआरबी का चुनाव हार गया था और वर्ष 2018 में भारत ने चुनाव नहीं लड़ा था। इस बार भारत के पक्ष में दुनियाभर के देश खड़े दिखे। संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस जीत को कूटनीतिक जीत करार देते हुए कहा कि उपग्रह संचार में भारत अब अपने नियमों को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिला सकेगा।
उपग्रह स्पेक्ट्रम में भारत की भूमि
उपग्रह स्पेक्ट्रम को लेकर बनने वाली वैश्विक नीति में भारत की अहम भूमिका होगी, जिससे टेक्नोलाजी के निर्यात में मदद मिलेगी। रेवथी इसरो में भी काम कर चुकी है और अभी टेलीकाम विभाग में स्पेक्ट्रम डिवीजन की प्रमुख है। वह एशिया क्षेत्र से पहली महिला है जो आरआरबी की सदस्य बनी हैं।
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