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Katchatheevu: 'मैं बहुत निराश हूं...,' यशवंत सिन्हा बोले- बिना सोचे समझे कच्चातिवु को बनाया गया चुनावी मुद्दा

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि भाजपा ने कच्चातिवु द्वीप को लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाने से पहले भारत-श्रीलंका के संबंधों के बारे में नहीं सोचा। वह यह सोचने में नाकाम रही कि दोनों देशों के बीच इसका वास्तविक असर क्या होगा।देश के वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके सिन्हा ने कहा कि यह द्वीप समुद्री सीमा के श्रीलंका की तरफ वाले हिस्से में पड़ता है।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Thu, 11 Apr 2024 11:45 PM (IST)
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बिना सोचे समझे कच्चातिवु को बनाया गया चुनावी मुद्दा: यशवंत सिन्हा। फाइल फोटो।
पीटीआई, नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि भाजपा ने कच्चातिवु द्वीप को लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाने से पहले भारत-श्रीलंका के संबंधों के बारे में नहीं सोचा। वह यह सोचने में नाकाम रही कि दोनों देशों के बीच इसका वास्तविक असर क्या होगा।

कच्चातिवु द्वीप पर क्या बोले पूर्व केंद्रीय मंत्री?

कच्चातिवु द्वीप के आस पास दशकों पुराना मछली पकड़ने के अधिकार से जुड़ा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। भाजपा और विपक्षी दलों के बीच इस पर जुबानी जंग चल रही है। देश के वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके सिन्हा ने कहा कि यह द्वीप समुद्री सीमा के श्रीलंका की तरफ वाले हिस्से में पड़ता है। मैं बहुत निराश हूं कि इस मुद्दे को किसी और ने नहीं, बल्कि देश के प्रधानमंत्री ने उठाया। मैं इस तथ्य से अवगत हूं कि कच्चातिवु एक द्वीप था जो अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा निर्धारित किए जाने के समय श्रीलंका की तरफ था। इसलिए, श्रीलंका में चला गया।

श्रीलंका के साथ रिश्ते होंगे होंगे खराब

उन्होंने कहा कि अब इस मुद्दे को उठाने पर मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि इससे श्रीलंका के साथ रिश्ते खराब होंगे। क्या आप द्वीप को वापस लेने के लिए बल प्रयोग करने जा रहे हैं। इसलिए, यह एक चुनावी मुद्दे के अलावा और कुछ नहीं है। यशवंत सिन्हा ने कहा कि आप चुनाव में कई मुद्दे उठा सकते हैं। लेकिन आपको उन मुद्दों को लेकर सतर्क रहना होगा जिन्हें आप उठाते हैं। यहां प्रधानमंत्री ने श्रीलंका के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ने वाले असर पर विचार किए बिना इस मुद्दे को उठाया है।

पीएम मोदी ने द्रमुक पर भी बोला था हमला

मोदी ने 1974 में तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार द्वारा इस द्वीप को श्रीलंका को सौंपे जाने को लेकर विपक्षी पार्टी के साथ ही द्रमुक पर भी पिछले दिनों निशाना साधा था। उन्होंने मीडिया में आई एक खबर का हवाला देते हुए दावा किया था कि नए तथ्यों से पता चला है कि कांग्रेस ने कच्चातिवु को संवेदनहीन रवैया अपनाते हुए श्रीलंका को दे दिया।

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