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UN में सुधार को लेकर भारत का जबरदस्त अभियान, Quad विदेश मंत्रियों की बैठक में भी UNSC के विस्तार की उठी मांग

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधार और UNSC के स्थाई सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग के समर्थन में जबरदस्त कूटनीतिक लाबिंग शुरू कर दी है। न्यूयार्क में यूएनएससी में स्थाई सदस्य बनने के दावेदार भारत जर्मनी जापान और ब्राजील के विदेश मंत्रालयों की अलग से बैठक की गई और यह मांग की गई कि अब इस सुधार को ज्यादा दिनों तक नहीं टालना चाहिए।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Fri, 22 Sep 2023 10:37 PM (IST)
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ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रालयों की बैठक ने भी किया समर्थन।
नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। जी-20 शिखर सम्मेलन के भव्य और सफल आयोजन के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधार और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के स्थाई सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग के समर्थन में जबरदस्त कूटनीतिक लाबिंग शुरू कर दी है।

विकासशील देशों के समूह एल-69 ने भी किया समर्थन

यह भारत की तरफ से दबाव बनाने का नतीजा ही है कि जहां क्वाड (अमेरिका, भारत, जापान व आस्ट्रेलिया के संगठन) ने शुक्रवार को यूएन सुधार को आगे बढ़ाने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है, वहीं एक दिन पहले ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका) के विदेश मंत्रियों की हुई बैठक मे भी इसी तरह की मांग की गई है।

इसी तरह न्यूयार्क में यूएनएससी में स्थाई सदस्य बनने के दावेदार भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील के विदेश मंत्रालयों की अलग से बैठक की गई और यह मांग की गई कि अब इस सुधार को ज्यादा दिनों तक नहीं टालना चाहिए।

यही नहीं एक दिन पहले भारत के आग्रह पर विकासशील देशों के सबसे बड़े समूह एल-69 की भी अलग से बैठक की गई और इन्होंने यूएनएससी में सुधार करते हुए स्थाई और अस्थाई सदस्यों की संख्या को बढ़ाने के समर्थन में वैश्विक मंच का ध्यान आकर्षित कराया। एल-69 की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्था को ज्यादा वैध व प्रभावशाली बनाने के लिए इसमें एक निश्चित समय सीमा के भीतर सुधार का कार्यक्रम तय होना चाहिए।

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इस बैठक से पहले ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रालयों की बैठक में यूएन में सुधार की मांग उठी। ब्रिक्स में से चीन और रूस यूएनएससी के स्थाई सदस्य हैं और शेष तीनों देश (भारत, ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका) स्थाई सदस्य बनने का दावा करते हैं। इस साल का जो संयुक्त बयान जारी किया गया है, उसमें इन तीनों देशों का नाम लेते हुए कहा गया है कि इन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिलनी चाहिए।

सनद रहे कि जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में ही पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने अभिभाषण में संयुक्त राष्ट्र सुधार की मांग को वैश्विक मंच के सामने रखा था। विदेश मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार का एजेंडा भारतीय कूटनीति में अब पहले के मुकाबले और ज्यादा प्राथमिकता में होगा।

संयुक्त राष्ट्र आम सभा से पहले के तमाम बैठकों में भारत ने विभिन्न संगठनों की तरफ से इसके पक्ष में आवाज उठाने का काम किया है। अमेरिका पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले कुछ दिनों तक विभिन्न मंचों पर भी इस मुद्दे को जोरदार तरीके से रखेंगे।

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