भारत ने बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्टर AD-1 के दूसरे चरण का किया सफल परीक्षण, सभी लक्ष्यों को भेदने में है सक्षम
भारत ने बुधवार को ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से दूसरे चरण की बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) इंटरसेप्टर AD-1 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह मिसाइल सभी प्रकार के लक्ष्यों को भेदने में पूरी तरह से सक्षम है। राजनाथ सिंह ने DRDO और अन्य टीमों को बधाई दी है।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Wed, 02 Nov 2022 09:05 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत ने बुधवार को ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से दूसरे चरण की बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) इंटरसेप्टर AD-1 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह मिसाइल सभी प्रकार के लक्ष्यों को भेदने में पूरी तरह से सक्षम है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने AD-1 के सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी DRDO और अन्य टीमों को बधाई देते हुए इस मिसाइल को एडवांस टेक्नोलाजी वाले एक विशेष प्रकार (Unique Type) के इंटरसेप्टर के रूप में बताया, जो दुनिया के बहुत कम देशों के पास उपलब्ध है।
एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया परीक्षण
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि विभिन्न भौगोलिक स्थानों पर स्थित सभी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) हथियार प्रणाली तत्वों की भागीदारी के साथ इस मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मिसाइल को एडवांस टेक्नोलाजी वाले एक विशेष प्रकार (Unique Type) के इंटरसेप्टर के रूप में बताया है।
India today successfully conducted maiden Flight Test of Phase-II Ballistic Missile Defence (BMD) interceptor AD-1 missile with large kill altitude bracket today from APJ Abdul Kalam Island, Odisha. Flight test was carried out with participation of all BMD weapon system elements. pic.twitter.com/itbRtrsBBp
— ANI (@ANI) November 2, 2022
लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है AD-1
रक्षा मंत्रालय ने कहा, 'रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने दो नवंबर को ओडिशा के तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से दूसरे चरण की बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) इंटरसेप्टर AD-1 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।' मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, AD-1 एक लंबी दूरी की ‘इंटरसेप्टर’ मिसाइल है जिसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के साथ-साथ विमान को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है।स्वदेशी तकनीकों के साथ किया गया है विकसित
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस मिसाइल को स्वदेशी तकनीकों के साथ विकसित किया गया है जो एडवांस कंट्रोल सिस्टम (Advanced Control System), नेविगेशन और गाइडेंस एल्गोरिदम से लैस है। मंत्रालय के मुताबिक यह दो चरणों वाली ठोस मोटर द्वारा संचालित मिसाइल है। यह मिसाइल पृथ्वी के वायुमंडल के सबसे ऊपरी हिस्से में मिशन को पूरा करने में सक्षम है।
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