भारत ने किया नाग मिसाइल का परीक्षण, 4 किमी तक साधेगा निशाना
एटीजीएम नाग का आज मरुस्थल में अलग-अलग रेंज और समय में दो टैंकों पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत ने बुधवार को एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) नाग का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। परीक्षण से एक बार फिर उसकी क्षमता साबित हुई है। रक्षा सूत्रों ने यह जानकारी दी है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एटीजीएम नाग को विकसित किया है।
मिसाइल्स एंड स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स के महानिदेशक जी सतीश रेड्डी ने बताया कि सफलतापूर्वक परीक्षण ने अलग-अलग परिस्थितियों में निशाना भेदने की एटीजीएम की प्रोद्योगिकियों को प्रमाणित किया है।एक सूत्र ने बताया, "एटीजीएम नाग का बुधवार को मरुस्थल में अलग-अलग रेंज और समय में दो टैंकों पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।" उन्होंने कहा, "इसके साथ ही, मिसाइल के उन्नतिशील परीक्षण पूरे हो गए हैं। अब यह तैनात किए जाने के लिए तैयार है।" डीआरडीओ के चेयरमैन और सचिव एस क्रिस्टोफर ने इस उपलब्धि के लिए पूरी नाग टीम को बधाई दी है।
जानिए- नाग मिसाइल की खासियत
सैन्य सूत्रों से के अनुसार, इस मिसाइल प्रोजेक्ट की लागत 350 करोड़ रुपए से अधिक है। इसमें उच्च क्षमता के उपकरण लगाए गए है। ज्यादा तापमान में भी मिसाइल दिशा नहीं भटकेगी। नाग मिसाइल वजन में काफी हल्की है और इसका कुल वजन महज 42 किलो है। इस मिसाइल को 10 साल तक बगैर रखरखाव के इस्तेमाल किया जा सकता है। नाग मिसाइल की गति 230 मीटर प्रति सेकंड है। मिसाइल की एक खासियत और है कि अगर एक बार मिसाइल दाग दी गई तो इसे रोका नहीं जा सकेगा। मिसाइल एंड स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स के डायरेक्टर जनरल पी सतीश के मुताबिक, इस टैस्ट फ्लाइट के बाद टार्गेट को हर तरह की भेदने की एटीजीएम क्षमता साबित हो गई है। नाग की रेंज 8 किलोमीटर है और इसे 2018 के अंत तक सेना में शामिल किया जा सकता है। यह कई लक्ष्यों पर निशाना साधने में सक्षम है। इस मिसाइल को डीआरडीओ तथा अन्य प्रतिष्ठिानों ने मिलकर विकसित किया है।