खालिस्तानियों के खिलाफ कूटनीतिक लामबंदी तेज, सरकार ने कनाडा के उच्चायोग को तलब कर जताई नाराजगी
Indian High Commission भारत ने आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की सरकार से भी बात की है कि वो उसके उच्चायोगों को ज्यादा सुरक्षा प्रदान करें। इन देशों को कहा गया है कि जेनेवा समझौते के मुताबिक भारतीय मिशनों को सुरक्षा दिया जाए। मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया और उन्हें डेमार्श (आपत्ति जताने वाला पत्र) जारी किया।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Tue, 04 Jul 2023 10:39 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हाल के महीनों में जिस तरह से कई देशों में खालिस्तान समर्थक संगठनों ने भारत के खिलाफ अभियान शुरू किया है उसको लेकर भारत सरकार की कूटनीतिक सक्रियता भी बढ़ती दिख रही है।
पिछले 24 घंटों के भीतर नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब कर खालिस्तानी संगठनों की हरकतों पर अपने गहरे गुस्से का इजहार किया है। वहीं, सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका) में खालिस्तानियो की तरफ से भारतीय कंसुलेट को आग लगाने की कोशिश की घटना पर वहां की सरकार के समक्ष कठोरता से उठाया गया है।
'उच्चायोगों को प्रदान की जाएं ज्यादा सुरक्षा'
भारत ने आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की सरकार से भी बात की है कि वो उसके उच्चायोगों को ज्यादा सुरक्षा प्रदान करें। इन देशों को कहा गया है कि जेनेवा समझौते के मुताबिक, भारतीय मिशनों को सुरक्षा दिया जाए।मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया और उन्हें डेमार्श (आपत्ति जताने वाला पत्र) जारी किया। यह डेमार्श कनाडा में भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में जुटे खालिस्तानी संगठनों की बढ़ती गतिविधियों को लेकर जारी की गई हैं।दो दिन पहले ही इन संगठनों की तरफ से कनाडा के कुछ शहरों में पोस्टर लगाये गये हैं जिसमें भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों की तस्वीर लगाई गई है। इन अधिकारियों को खालिस्तान का विरोधी करार दिया गया है। इससे इनकी सुरक्षा को लेकर भारत चिंतित है।
कनाडा ने भारत को दिया सुरक्षा का आश्वासन
कनाडा के विदेश मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी कर भारत को आश्वासन देने की कोशिश की गई है कि उसके अधिकारियों की पूरी सुरक्षा दी जाएगी और जो पोस्टर जारी किये गये हैं उन्हें अस्वीकार्य करार दिया है।लेकिन इस तरह का आश्वासन पहले ही कई बार आ चुका है।भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि खालिस्तान संगठनों की गतिविधियां भारत व कनाडा के रिश्ते के लिए ठीक नहीं हैं। भारत यह भी कहना है कि कनाडा में राजनीतिक वजहों से खालिस्तानियों पर कार्रवाई नहीं हो रही है।