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भारत ने रूस के साथ अरब सागर में दिखाई ताकत, आइएनएस कोच्चि का किया परीक्षण

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को जानकारी दी कि भारतीय नौसेना ने अरब सागर में रूसी नौसेना के साथ आइएनएस कोच्चि का अभ्यास किया है। यह पहली बार है कि भारतीय नौसेना ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित मिसाइल विध्वंसक का परीक्षण किया है।

By Mahen KhannaEdited By: Updated: Sun, 16 Jan 2022 03:20 PM (IST)
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भारत ने रूसी नौसेना के साथ अपने स्वदेशी आईएनएस कोच्चि का परीक्षण किया। (फोटो-एएनआइ)
नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय नौसेना की ताकत में चार चांद लगाने वाले स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए 'गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर' आइएनएस कोच्चि का आज अरब सागर में परीक्षण किया गया। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को जानकारी दी कि भारतीय नौसेना ने अरब सागर में रूसी नौसेना के साथ आइएनएस कोच्चि का अभ्यास किया। यह पहली बार है कि भारतीय नौसेना ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित मिसाइल विध्वंसक का परीक्षण किया है।

दोनों नौसेनाओं के बीच सामंजस्य का प्रदर्शन

रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस अभ्यास ने दोनों नौसेनाओं के बीच सामंजस्य का प्रदर्शन किया है और इसमें सामरिक युद्धाभ्यास, क्रॉस-डेक हेलीकॉप्टर संचालन और सीमैनशिप गतिविधियां शामिल हैं। बता दें कि बीते दिनों ही नौसेना के तीन जहाज दो दिवसीय सद्भावना यात्रा पर केरल के कोच्चि तट पर पहुंच गए थे। भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा था कि यात्रा के दौरान रूसी नौसेना और भारतीय नौसेना के बीच विभिन्न पेशेवर चर्चा की योजना है।

आईएनएस कोच्चि की ये है खासियतें

भारत द्वारा बनाया गया यह मिसाइल विध्वंसक 164 मीटर लंबा और लगभग 17 मीटर चौड़ा है। इसकी भार क्षमता भी 7500 टन है जो काफी अच्छी मानी जाती है। इस पोत में सामूहिक गैस तथा गैस (सीओजीएजी) प्रेरक प्रणाली है, जिसमें चार गैस टर्बाइन लगे हैं और यह तीस नाट से अधिक की गति प्राप्‍त कर सकता है। पोत की विद्युत ऊर्जा चार गैस टर्बाइन जनरेटर और एक डीजल अल्‍टरनेटर से प्राप्‍त होती है, यह दोनों सिस्टम 4.5 मेगावाट बिजली पैदा कर सकते हैं। इस युद्धपोत की खास बात यह है कि इसमें 40 अधिकारी और 350 नौसैनिक सवार हो सकते हैं।