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कनाडा से उच्चायुक्त वापस बुलाएगा भारत, निज्जर मामले में झूठे आरोपों के बीच उठाया बड़ा कदम

भारत-कनाडा में बढ़ते तनाव के बीच सोमवार को भारत सरकार ने बड़ा फैसला किया है। भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों एवं अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के राजदूत को नई दिल्ली तलब कर इस फैसले की जानकारी दे दी है और कहा कि ट्रूडो सरकार की कार्रवाइयों ने अधिकारियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 14 Oct 2024 09:09 PM (IST)
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भारत ने कहा कि उसे अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर कनाडा सरकार पर भरोसा नहीं है। (File Image)
एएनआई, नई दिल्ली। भारत-कनाडा में बढ़ते तनाव के बीच सोमवार को भारत सरकार ने बड़ा फैसला किया है। भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों एवं अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा के राजदूत को नई दिल्ली तलब कर इस फैसले की जानकारी दे दी है। भारत ने कहा है कि उग्रवाद और हिंसा के माहौल में ट्रूडो सरकार की कार्रवाइयों ने अधिकारियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है, इसलिए हमें उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा कनाडाई सरकार की प्रतिबद्धता पर कोई भरोसा नहीं है।

विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान

भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार शाम को बयान जारी कर कहा, 'आज शाम सचिव (पूर्व) ने कनाडाई प्रभारी को तलब किया। उन्हें बताया गया कि कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों और अधिकारियों को आधारहीन तरीके से निशाना बनाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

मंत्रालय ने कहा, 'इस बात पर जोर दिया गया कि उग्रवाद और हिंसा के माहौल में ट्रूडो सरकार की कार्रवाई से उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। हमें उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा कनाडाई सरकार की प्रतिबद्धता पर कोई भरोसा नहीं है। इसलिए, भारत सरकार ने उच्चायुक्त और अन्य लक्षित राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुलाने का फैसला किया है।'

(विदेश मंत्रालय का बयान)

ट्रूडो सरकार को लगाई थी फटकार

भारत ने कहा कि यह भी बताया गया कि भारत के खिलाफ उग्रवाद, हिंसा और अलगाववाद को ट्रूडो सरकार के समर्थन के जवाब में भारत आगे कदम उठाने का अधिकार रखता है। इससे पहले भारत ने दिन में भी कनाडा सरकार की उकसावे की कार्रवाई के बाद कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी और कनाडा को फटकार भी लगाई थी। साथ ही भारत ने इसके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी।

भारत की यह प्रतिक्रिया जस्टिन ट्रूडो सरकार की ओर से सिख चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में भारतीय उच्चायुक्त को शामिल करने के प्रयास के बाद आई है। इसके बाद पहले से ठंडे पड़े भारत और कनाडा के रिश्तों में और भी तल्खी आ गई है। अब भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए अपने राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला किया है।

(भारत ने पहले भी जताई थी कड़ी आपत्ति)

भारत ने आरोपों को बताया बेतुका 

इससे पहले दिन में भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपने राजनयिक के खिलाफ आरोपों को मनगढ़ंत करार दिया था और इसे लेकर कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। भारत ने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा के खिलाफ आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हुए इन्हें बेतुका बताया था। साथ ही इन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है।

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि भारत को कल कनाडा से एक राजनयिक संचार मिला, जिसमें सुझाव दिया गया है कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक उस देश में जांच से संबंधित मामले में हितधारक हैं। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय राजनयिकों के खिलाफ आरोप लगाने के लिए भारत कनाडा सरकार के इन प्रयासों के जवाब में कड़े कदम उठाने का अधिकार रखता है।