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'दिसंबर 2024 में आ जाएगी पहली स्वदेशी चिप', अश्विनी वैष्णव बोले- कई वैश्विक कंपनियां करना चाहती हैं निवेश

केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि देश का पहले सेमीकंडक्टर संयंत्र गुजरात में स्थापित होगा और इस संयंत्र से पहली स्वदेशी चिप दिसंबर 2024 में आ जाएगी। उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में किए गए इस निवेश ने भारत को एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में स्थापित किया है और कई वैश्विक कंपनियां भारत में इस उद्योग में निवेश करना चाहती हैं।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 23 Sep 2023 11:34 PM (IST)
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केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (फाइल फोटो)
साणंद, पीटीआई। केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि देश का पहले सेमीकंडक्टर संयंत्र गुजरात में स्थापित होगा और इस संयंत्र से पहली स्वदेशी चिप दिसंबर 2024 में आ जाएगी।

अमेरिकी कंपनी माइक्रोन की ओर से बनाए जा रहे सेमीकंडक्टर संयंत्र के भूमि पूजन समारोह (ग्राउंडब्रेकिंग सेरेमनी) में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण क्षण है।

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क्या कुछ बोले अश्विनी वैष्णव?

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में किए गए इस निवेश ने भारत को एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में स्थापित किया है और कई वैश्विक कंपनियां भारत में इस उद्योग में निवेश करना चाहती हैं।

उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र को लेकर दो बड़े प्रस्ताव प्रक्रिया में हैं और आने वाले कुछ महीनों में हम इन प्रस्तावों को आकार लेते देख सकते हैं। यह प्रस्ताव ऐसे विशेष क्षेत्रों पर केंद्रित हैं, जिनमें भारत वैश्विक स्तर पर एक लीडर के तौर पर उभर सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा,

आने वाले वर्षों में सेमीकंडक्टर की मांग मौजूदा दो लाख करोड़ रुपये से बढ़कर पांच लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकती है।

'एक बड़ा डिजाइन केंद्र है भारत'

वैष्णव ने कहा कि भारत पहले से ही एक बड़ा डिजाइन केंद्र है। मैन्यूफैक्चरिंग भारत में आने के साथ पूरी वैल्यू चेन देश में आ जाएगी और भारत आने वाले वर्षों में सेमीकंडक्टर हब बन जाएगा। सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग से आइटी हार्डवेयर से जुड़ी पीएलआइ 2.0 को बड़ी मदद मिलेगी, क्योंकि पीएलआइ के तहत भारत में चिप उत्पादन पर विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

समारोह में माइक्रोन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट गुरशरण सिंह ने कहा कि इस संयंत्र के लिए हम पहले चरण में 34 कर्मचारियों की भर्ती कर चुके हैं। सरकारी अधिकारियों के अनुसार, सिमटेक समेत माइक्रोन के पांच सप्लायर भी भारत में अपना संयंत्र स्थापित करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं।

माइक्रोन ने इसी वर्ष जून में की संयंत्र की घोषणा

माइक्रोन ने इसी वर्ष जून में गुजरात में सेमीकंडक्टर उत्पादन और परीक्षण संयंत्र स्थापित करने की घोषणा की थी। यह संयंत्र दो चरणों में पूरा होगा, जिस पर 2.75 अरब डालर करीब 22,540 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें से 82.5 करोड़ डालर करीब 6,800 करोड़ रुपये का निवेश माइक्रोन करेगी। शेष राशि केंद्र और राज्य सरकारें खर्च करेंगी। कंपनी ने इस संयंत्र के निर्माण के लिए टाटा कंस्ट्रक्शन को चुना है। पहले चरण में पांच लाख वर्गफुट क्षेत्र में निर्माण किया जाएगा, जिसे 2024 के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है।

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क्या कुछ बोले राजीव चंद्रशेखर?

इलेक्ट्रानिक्स एवं आइटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि गुजरात में माइक्रोन संयंत्र सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में भारत को सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनाने की एक रोमांचक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है। माइक्रोन का अत्याधुनिक संयंत्र वैश्विक सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के सभी निवेशकों, निर्माताओं और प्रतिभागियों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम करेगा और उन्हें भारत के साथ साझेदारी करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।