अफगान लोगों के लिए 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजेगा भारत, गंभीर भुखमरी से जूझ रही दो-तिहाई आबादी
भारत चाबहार पोर्ट के माध्यम से अफगान लोगों के लिए 20000 मीट्रिक टन गेहूं भेजने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ साझेदारी कर रहा है। अफगानिस्तान में आर्थिक संकट के कारण छह मिलियन लोग अकाल के जोखिम का सामना कर रहे हैं।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Wed, 08 Mar 2023 05:30 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ साझेदारी के तहत अफगानिस्तान में मानवीय संकट को दूर करने के लिए चाबहार बंदरगाह के माध्यम से अफगान लोगों के लिए 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजेगा।
अफगानी धरती का इस्तेमाल आतंकी गतिविधि के लिए न हो
भारत और पांच मध्य एशियाई देशों ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि अफगानी धरती का इस्तेमाल किसी आतंकी गतिविधि के लिए नहीं किया जाना चाहिए। नई दिल्ली में अफगानिस्तान पर भारत-मध्य एशिया संयुक्त कार्यकारी समूह की पहली बैठक में भारत ने चाबहार बंदरगाह (ईरान) के जरिये अफगानिस्तान को 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजने का एलान भी किया। अफगानिस्तान को यह मदद संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के तहत दी जाएगी।
पहले भी 50 हजार मीट्रिक टन गेंहू भेज चुका है भारत
बताते चलें कि भारत इससे पहले भी अफगानिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेज चुका है। उस समय भारत ने पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को गेहूं भेजा था। कई महीनों तक बातचीत के बाद पाकिस्तान ने गेहूं भेजने के लिए रास्ता मुहैया कराया था। बैठक में भाग लेने वाले देशों ने संकल्प लिया कि वे आतंकवाद, उग्रवाद, कट्टरता और मादक पदार्थों की तस्करी का मुकाबला करने के तरीके की तलाश करेंगे।बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि अफगानिस्तान में सही मायने में समावेशी और प्रतिनिधित्व वाले राजनीतिक ढांचे के गठन पर जोर दिया गया। यह राजनीतिक ढांचा सभी अफगानों के अधिकारों का सम्मान करेगा और महिलाओं, लड़कियों और अल्पसंख्यक समूहों का समान अधिकार सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा महिलाओं की शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। पिछले साल दिसंबर में कई अन्य देशों के साथ भारत ने भी महिलाओं की शिक्षा पर तालिबान द्वारा प्रतिबंध लगाने की आलोचना की थी।
गंभीर भुखमरी का सामना कर रहे दो-तिहाई अफगान
टोलो न्यूज ने हाल ही में रिपोर्ट दी थी कि चूंकि अफगानिस्तान में चल रही राजनीतिक अराजकता के बीच सबसे खराब मानवीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने चेतावनी दी है कि दो-तिहाई अफगान गंभीर भुखमरी का सामना कर रहे हैं और उन्हें सहायता की तत्काल आवश्यकता है, जिसमें छह मिलियन लोग अकाल के जोखिम का सामना कर रहे हैं।'अफगान महिलाओं और बच्चों की करें सहायता'
यूनिसेफ के उप कार्यकारी निदेशक, उमर आबिद ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि वे अफगानिस्तान में महिलाओं और बच्चों के मूल अधिकारों को न भूलें, साथ ही साथ उनकी सहायता करें। नए संयुक्त राष्ट्र डेटा के वर्ल्डोमीटर विस्तार के आधार पर 6 फरवरी 2023 तक अफगानिस्तान की वर्तमान जनसंख्या 4 करोड़ 12 लाख 01 हजार 762 है।