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अब एथनाल मिश्रित डीजल की भी बिक्री होगी शुरू, BPCL ने की प्रायोग‍िक योजना की शुरुआत

बता दें क‍ि केंद्र सरकार के स्तर पर अभी 20 फीसदी एथनाल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री की शुरुआत करने का ही लक्ष्य रखा है लेकिन उक्त कंपनियां अपने स्तर पर ज्यादा एथनाल मिश्रण की परियोजना पर काम कर रही हैं।

By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Mon, 05 Jun 2023 10:32 PM (IST)
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यह देश में स्वचछ ईंधन उपलब्ध कराने में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एथनाल मिश्रित पेट्रोल के क्षेत्र में तो भारत काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन अब एथनाल मिश्रित डीजल की भी शुरुआत होने जा रही है। सरकारी तेल कंपनी बीपीसीएल ने सात फीसदी एथनाल मिश्रित डीजल की प्रायोगिक योजना की शुरुआत की है। इसके लिए कंपनी ने भारी वाहन बनाने वाली कंपनी अशोल लीलैंड के साथ हाथ मिलाया है।

यह देश में स्वचछ ईंधन उपलब्ध कराने में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। इसके साथ ही बीपीसीएल ने दोपहिया वाहनों में 27 फीसदी एथनाल मिश्रित पेट्रोल और 85 फीसदी एथनाल मिश्रित पेट्रोल के इस्तेमाल को लेकर भी एक दूसरी प्रायोगिक योजना की शुरुआत की है। इसके लिए बीपीसीएल ने हीरो मोटोकार्प के साथ समझौता किया है।

20 फीसदी एथनाल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री की शुरुआत करने का लक्ष्य

बता दें क‍ि केंद्र सरकार के स्तर पर अभी 20 फीसदी एथनाल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री की शुरुआत करने का ही लक्ष्य रखा है, लेकिन उक्त कंपनियां अपने स्तर पर ज्यादा एथनाल मिश्रण की परियोजना पर काम कर रही हैं। बीपीसीएल ने बताया है कि इडी7 के नाम से जो इंधन बेची जाएगी, उसमें 93 फीसदी डीजल और सात फीसदी एथनाल होगा। इस मिश्रण को एथनाल ने अपने वाहनों में परीक्षण किया गया है और इसे पूरी तरह से सही पाया गया है।

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बड़े वाहनों से होने वाले प्रदूषण में काफी कमी देखी गई

कंपनी का कहना है कि इससे बड़े वाहनों से होने वाले प्रदूषण में काफी कमी भी देखी गई है। इस पायलट परियोजना के बाद कंपनी की तरफ से इस प्रयोग पर एक व्यापक रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी जाएगी। रिपोर्ट में कंपनी इडी7 को वाणिज्यिक तौर पर बिक्री करने की अनुमति मांगेगी। अगर यह सफल रहा और पूरे देश में लागू किया गया तो जितनी विदेशी मुद्रा की बचत 20 फीसदी एथनाल मिश्रित पेट्रोल से नहीं होगी उससे ज्यादा विदेशी मुद्रा की बचत सिर्फ सात फीसद एथनाल मिश्रित डीजल से होगी। भारत अपनी जरूरत का 86 फीसदी ईंधन आयात करता है। पेट्रोल व डीजल भी बाहर से आयात किया जाता है। इस पर बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा खर्च होता है।