Hyperloop Train: क्या देश में चलेगी हाइपरलूप ट्रेन? नीति आयोग का बड़ा बयान आया सामने
नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने रविवार को कहा कि देश में अल्ट्रा हाई स्पीड ट्रेनों यानी तेज गति वाली रेलों में निकट भविष्य में हाइपरलूप टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की संभावना नहीं है। सारस्वत ने कहा कि हमने आज की तारीख तक इसे ज्यादा महत्व नहीं दिया है। यह सिर्फ एक स्टडी प्रोग्राम है। मुझे नहीं लगता कि निकट भविष्य में हाइपरलूप टेक्नोलॉजी हमारे परिवहन ढांचे में शामिल होगी।
पीटीआई, नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत ने रविवार को कहा कि देश में अल्ट्रा हाई स्पीड ट्रेनों यानी तेज गति वाली रेलों में निकट भविष्य में हाइपरलूप टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की संभावना नहीं है। इसका कारण यह है कि यह टेक्नोलॉजी अभी अपनी परिपक्वता के शुरुआती चरण में है और यह वर्तमान समय में आर्थिक रूप से भी व्यावहारिक नहीं है।
इस टेक्नोलॉजी को लेकर कुछ कंपनियों ने दिखाई रुचि
सारस्वत वर्जिन हाइपरलूप टेक्नोलॉजी की तकनीकी और वाणिज्यिक व्यवहार्यता की जांच करने वाली समिति के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा,
कुछ विदेशी कंपनियों ने भारत में हाइपरलूप टेक्नोलॉजी लाने में रुचि दिखाई है।
क्या है हाइपरलूप?
सारस्वत का कहना है कि जहां तक हाइपरलूप तकनीक का सवाल है तो हमने पाया कि विदेशी कंपनियों से जो प्रस्ताव आए हैं, वे बहुत व्यावहारिक विकल्प नहीं है। हाइपरलूप एक हाई स्पीड ट्रेन है, जो ट्यूब में वैक्यूम में चलती है। इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने इसे पेश किया है।
सारस्वत ने कहा कि हमने आज की तारीख तक इसे ज्यादा महत्व नहीं दिया है। यह सिर्फ एक स्टडी प्रोग्राम है। मुझे नहीं लगता कि निकट भविष्य में हाइपरलूप टेक्नोलॉजी हमारे परिवहन ढांचे में शामिल होगी।
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कब हुई थी वर्जिन हाइपरलूप की टेस्टिंग?
सनद रहे कि वर्जिन हाइपरलूप का टेस्टिंग नौ नवंबर, 2020 को अमेरिका के लास वेगास में 500 मीटर के ट्रैक पर एक पॉड के साथ आयोजित किया गया था। इसमें एक भारतीय सहित अन्य यात्री सवार थे। इसकी रफ्तार 161 किमी प्रति घंटा से अधिक थी।
बकौल सारस्वत, अबतक जो प्रस्ताव आए हैं, उनमें टेक्नोलॉजी की परिपक्वता का स्तर काफी कम है। ऐसे में हम इस तरह की टेक्नोलॉजी में निवेश नहीं कर सकते हैं।