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भारत ने विश्व बिरादरी को किया आगाह, कहा- जैश व लश्कर आतंकी संगठन वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा

भारत जैश एवं लश्कर का मुद्दा इसलिए उठा रहा है कि इस तरह की सूचनाएं लगातार आ रही हैं कि तालिबान का साथ इस तरह के तमाम आतंकी संगठन दे रहे हैं। तालिबान समेत इन सारे आतंकी संगठनों को पाकिस्तान कई वर्षों से शरण दे रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Updated: Tue, 24 Aug 2021 11:34 PM (IST)
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डोभाल ने दो टूक कहा- सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा पहले से ज्यादा महत्वपूर्ण
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अफगानिस्तान में पाकिस्तान के समर्थन से तालिबान के सत्ता के करीब पहुंचने के भावी असर को भारत बखूबी समझ रहा है। लगातार इस तरह की सूचनाएं आ रही हैं कि जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों का तालिबान के साथ गहरा संपर्क बना हुआ है। यही वजह है कि हर अंतरराष्ट्रीय मंच से भारत पाकिस्तान सरकार की तरफ से पोषित इन दोनों आंतकी संगठनों के खतरे के बारे में दुनिया को बताने लगा है। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) और फिर ब्रिक्स देशों की बैठक में भारत ने जैश और लश्कर के खतरे के मुद्दे को उठा कर पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया।

डोभाल ने दो टूक कहा- सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा पहले से ज्यादा महत्वपूर्ण

ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में एनएसए अजीत डोभाल ने दो टूक कहा कि सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा पहले से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है। कुछ देशों की मदद से जैश और लश्कर जैसे संगठन क्षेत्रीय व वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।

ब्रिक्स के एनएसए की बैठक में अफगानिस्तान का मुद्दा प्रमुखता से उठा

इस बैठक में अफगानिस्तान का मुद्दा काफी प्रमुखता से उठा, लेकिन आतंकवाद को लेकर भी सभी देशों की चिंताएं सामने आई। सभी एनएसए के बीच यह सहमति बनी है कि ब्रिक्स देशों की शिखर बैठक में एक साझा आतंकरोधी कार्य योजना को पारित करवाया जा सकता है। इस साल ब्रिक्स की अध्यक्षता भारत के पास है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत के किसी शहर में ब्रिक्स शिखर बैठक का आयोजन हो सकता है।

यूएनएचसीआर बैठक: भारत ने कहा- अफगान के हालात पड़ोसी देशों के लिए नहीं करेंगी चुनौतियां पैदा

अफगानिस्तान के हालात पर यूएनएचसीआर की तरफ से बुलाई गई विशेष बैठक में भारत के राजदूत इंद्र मणि पांडे ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिरता सीधे तौर पर इस समूचे इलाके में शांति से जुड़ा हुआ है। हमें उम्मीद है कि अफगानिस्तान के हालात पड़ोसी देशों के लिए चुनौतियां पैदा नहीं करेंगी और जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठन वहां की जमीन का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इसके पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से अफगानिस्तान पर आयोजित एक बैठक में इस मुद्दे को उठा चुके हैं।

पाक तालिबान समेत जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों को  देता है शरण

भारत जैश एवं लश्कर का मुद्दा इसलिए भी उठा रहा है कि इस तरह की सूचनाएं लगातार आ रही हैं कि तालिबान का साथ इस तरह के तमाम आतंकी संगठन दे रहे हैं। तालिबान समेत इन सारे आतंकी संगठनों को पाकिस्तान कई वर्षों से न सिर्फ शरण दे रहा है बल्कि उन्हें हर तरह की दूसरी मदद भी देता है। तालिबान की जीत से इन सभी संगठनों का मनोबल बढ़ा है।