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अंतरिक्ष में लगेगी बड़ी छलांग, दिसंबर 2028 तक देश का पहला स्टेशन होगा स्थापित; इन प्रोजेक्ट को भी केंद्र की मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने चंद्रयान 4 मिशन को मंजूरी दे दी है। यह मिशन मार्च 2028 में लॉन्च होगा। इस पर करीब 12 सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके साथ अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले मिशन के लिए अगले चरण का एक लॉन्चिंग व्हीकल भी तैयार करने को मंजूरी दी गई है। जिस पर आठ हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। जिसे 96 महीनों में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 18 Sep 2024 07:10 PM (IST)
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भारत अब अंतरिक्ष के क्षेत्र में और बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है। (Photo Jagran)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चंद्रयान -3 की सफलता के बाद भारत अब अंतरिक्ष के क्षेत्र में और बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है। जल्द ही वह अंतरिक्ष से जुड़े अपने चार और मिशनों को अंजाम देगा। जिसमें अंतरिक्ष में स्थापित होने वाला पहला अंतरिक्ष स्टेशन भी शामिल है। जो दिसंबर 2028 तक स्थापित हो जाएगा। इसके साथ ही अंतरिक्ष में अपना स्टेशन स्थापित करने वाला भारत दुनिया का तीसरा देश बन जाएगा।

मौजूदा समय में अंतरिक्ष में दो ही स्टेशन है। इनमें पहला स्टेशन अमेरिका, रूस व यूरोपीय देशों के सहयोग से स्थापित है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्टेशन कहा जाता है, जबकि दूसरा स्टेशन चीन का है।

अंतरिक्ष से जुड़े चार प्रमुख प्रस्तावों में मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े चार प्रमुख प्रस्तावों में मंजूरी दी गई। इनमें सबसे अहम पहला अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और गगनयान फॉलो-ऑन मिशन शामिल है। इस पर कुल 20, 193 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

36 महीने में पूरा होगा मिशन

कैबिनेट ने इसके साथ चंद्रयान-4 मिशन को भी अपनी सहमति दे दी है। जो न सिर्फ चंद्रमा पर उतरेगा बल्कि वहां से कुछ चीजें लेकर सुरक्षित वापस भी लौटेगा। मिशन को अगले 36 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

अंतरिक्ष से जुड़े जो अन्य मिशनों में मंजूरी

चंद्रयान-3 के बाद यह उस दिशा में एक बड़ा अभियान होगा। इस पर कुल 2104 करोड़ रुपए खर्च होंगे। कैबिनेट ने इसके साथ ही अंतरिक्ष से जुड़े जो अन्य मिशनों में मंजूरी दी है, उनमें वीनस (शुक्र) आर्बिटर मिशन है। जिसमें अंतरिक्ष यान वीनस की कक्षा में भेजा जाएगा, जिसके लिए अलग नए लॉन्चिंग व्हीकल को भी तैयारी के लिए मंजूरी मिल गई है।

पीएम मोदी ने पहले ही कर दिया था एलान

माना जा रहा है कि इस नए लॉन्चिंग व्हीकल से अंतरिक्ष यात्रियों को आने वाले दिनों में भेजने में आसानी होगी। गौरतलब है कि अंतरिक्ष में अपना स्टेशन स्थापित करने का एलान पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 की सफलता के बाद ही कर दिया था।

अंतरिक्ष में अभी दो स्टेशन ही सक्रिय

पहला - इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन: यह अमेरिका, रूस सहित यूरोपीय देशों के सहयोग से स्थापित है। पृथ्वी से 400 किमी की ऊंचाई पर स्थापित है। इसे 1998 में लांच किया गया था। अंतरिक्ष में भेजा गया सबसे बड़ा स्ट्रक्चर है। मौजूदा समय में यहां कई देशों के अंतरिक्ष यात्री मौजूद है।

दूसरा - यह चीन का अंतरिक्ष स्टेशन है। जो पृथ्वी से 450 किमी ऊंचाई पर अंतरिक्ष में स्थापित है। यह वर्ष 2022 में भेजा गया था। इनमें भी मौजूदा समय में अंतरिक्ष यात्री मौजूद है।

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