डिजिटल पब्लिक इंफ्रा विकसित करने में दुनिया को मदद करेगा भारत, आठ देशों ने किया एमओयू
जी-20 समूह के साथ दुनिया के कई अन्य देशों को भारत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) विकसित करने में मदद करेगा। भारत ने इसकी पेशकश सभी देशों को की है और कई देशों ने इसे स्वीकार भी कर लिया है। आर्मेनिया सिएरा लियोन सूरीनाम एंटीगुआ बारबाडोस त्रिनिदाद और टोबैगो पापुआ न्यू गिनी और मॉरीशस जैसे देशों ने तो डीपीआई के विकास के लिए भारत के साथ समझौता भी कर लिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जी-20 समूह के साथ दुनिया के कई अन्य देशों को भारत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) विकसित करने में मदद करेगा। भारत ने इसकी पेशकश सभी देशों को की है और कई देशों ने इसे स्वीकार भी कर लिया है।
कई देशों ने भारत से किया समझौता
आर्मेनिया, सिएरा लियोन, सूरीनाम, एंटीगुआ, बारबाडोस, त्रिनिदाद और टोबैगो, पापुआ न्यू गिनी और मॉरीशस जैसे देशों ने तो डीपीआई के विकास के लिए भारत के साथ समझौता भी कर लिया है। मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि पिछले महीने जी-20 देशों के डिजिटल इकोनॉमी मंत्रियों की बैठक हुई जिसमें तीन मुद्दों पर सहमति बनी।
उन्होंने बताया कि पहली बार जी-20 देशों के बीच डिजिटल पब्लिक इंफ्रा के विकास को लेकर आम सहमति बनी है। इसके अलावा डीपीआई के लिए साइबर सुरक्षा का विकास और डिजिटल स्किलिंग को लेकर भी सहमति बनी है। इसका फायदा डिजिटल इंफ्रा के सेक्टर में काम करने वाले भारतीय स्टार्टअप्स को भी मिलेगा।
डिजिटल इंफ्रा के विकास के पीछे क्या है मकसद?
चंद्रशेखर ने बताया कि डिजिटल इंफ्रा के विकास के पीछे मकसद यह है कि डिजिटाइजेशन का फायदा सभी देशों को मिले। अभी बड़ी टेक कंपनियां डिजिटाइजेशन का फायदा ले रही है। भारत डिजिटल सुविधा सभी के लिए बराबर रूप में लोकतांत्रित तरीके से उपलब्ध कराना चाहता है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल इकोनामी के मामले में भारत एक रोल माडल के रूप में दुनिया के सामने उभरा है क्योंकि हमारी 11 प्रतिशत अर्थव्यवस्था डिजिटल हो चुकी है। दुनिया यह जानना चाहती है कि भारत में यह सब कैसे संभव हो सका और भारत भी मुफ्त में सभी देशों को डीपीआई के विकास में मदद करने के लिए तैयार है।
कोरोना काल के बाद डिजिटल कौशल का महत्व दुनिया को समझ में आ चुका है और अब सभी देशों के युवाओं को डिजिटल कौशल का प्रशिक्षण देने पर सहमति बनी है। आगामी नौ व दस सितंबर को जी-20 देशों के शीर्ष नेताओं की बैठक में इन तीन सहमति पर चर्चा कर इसके अमल को लेकर अंतिम फैसला किया जाएगा।