दुनिया की तरह अंतरिक्ष में मलबा नहीं छोड़ेगा भारत, इसरो ने तैयार किया रॉकेट इंजनों के लिए हल्का नोजल
सरो ने रॉकेट इंजनों के लिए हल्के कार्बन-कार्बन (सी-सी) नोजल के विकास के साथ रॉकेट इंजन प्रौद्योगिकी में सफलता हासिल की है। इससे पेलोड क्षमता में वृद्धि होगी। इसरो ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) द्वारा तैयार किए गए इस रॉकेट इंजन से राकेट की पेलोड क्षमता को बढ़ाया जा सकेगा। वीएसएससी ने कार्बन-कार्बन (सी-सी) कंपोजिट जैसी उन्नत सामग्रियों से नोजल डाइवर्जेंट बनाया।
पीटीआई, बेंगलुरु। इसरो ने रॉकेट इंजनों के लिए हल्के कार्बन-कार्बन (सी-सी) नोजल के विकास के साथ रॉकेट इंजन प्रौद्योगिकी में सफलता हासिल की है। इससे पेलोड क्षमता में वृद्धि होगी। इसरो ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) द्वारा तैयार किए गए इस रॉकेट इंजन से राकेट की पेलोड क्षमता को बढ़ाया जा सकेगा।
वीएसएससी ने कार्बन-कार्बन (सी-सी) कंपोजिट जैसी उन्नत सामग्रियों से नोजल डाइवर्जेंट बनाया। सी-सी नोजल की एक प्रमुख विशेषता इसकी सिलिकॉन कार्बाइड की विशेष एंटी-ऑक्सीकरण कोटिंग है, जो इसकी परिचालन सीमा को बढ़ाती है।