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IMEC के लिए INSTC को नहीं छोड़ेगा भारत, एनएसए डोभाल ने ढांचागत नेटवर्क पर की चर्चा

मध्य एशियाई देशों के साथ बैठक में एनएसए डोभाल ने भारत से ईरान होते हुए रूस तक के ढांचागत नेटवर्क पर चर्चा की। बता दें आइएमइसी भारत से मध्य पूर्व होते हुए यूरोप तक का रेल व समुद्र मार्ग का कारीडोर जबकि आइएनएसटीसी भारत से ईरान व मध्य एशियाई देशों से होते हुए रूस व यूरोप को जोड़ने वाला कारीडोर है।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 17 Oct 2023 08:41 PM (IST)
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एनएसए डोभाल ने भारत से ईरान होते हुए रूस तक के ढांचागत नेटवर्क पर चर्चा की।

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, सउदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, फ्रांस के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रो के साथ भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कारीडोर (आइएमईसी) के लिए समझौता किया तो कई पश्चिमी देशों के विशेषज्ञों ने कहा कि अब भारत ईरान से रूस होते हुए यूरोप तक नेटवर्क बिछाने की योजना आइएनएसटीसी के लिए आगे नहीं बढ़ेगा।

कई देश पहले से ही आइएनएसटीसी के सदस्य

17 अक्टूबर, 2023 को कजाखस्तान में मध्य एशियाई देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ बैठक में भारत के एनएसए अजीत डोभाल की हुई बैठक में भारत ने साफ कर दिया कि वह इंटरनेशनल नार्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कारीडोर (आइएनएसटीसी) को लेकर भी प्रतिबद्ध है। इस बैठक में उज्बेकिस्तान और तुर्केमिनिस्तान ने इस कारीडोर में शामिल होने को लेकर सहमति जता दी है जिससे इसकी संभाव्यता और बढ़ गई है।

कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, ताजिकिस्तान पहले से ही इसके सदस्य हैं। इस बैठक से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आइएनएसटीसी में अब मध्य एशिया के पांचों देश सदस्य बन गये हैं। ईरान और रूस की तरफ से इसको पहले से ही समर्थन मिल रहा है। ऐसे में इसकी प्रायोगिकता को लेकर कोई संशय नहीं रहा है। इस कारीडोर में भारत की तरफ ईरान में निर्मित चाबहार पोर्ट सबसे अहम भूमिका निभाएगा।

बैठक में डोभाल ने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वह चाबहार पोर्ट के जरिए कारोबार करने के लिए आगे आएं। इस पोर्ट पर भारत ने एक बड़ा टर्मिनल बनाया है और आगे चल कर यहां एक पूरा आर्थिक क्षेत्र बनाने की मंशा रखता है जहां से मध्य एशियाई देशों को स्टील, सीमेंट, उर्वरक जैसे उत्पादों की कम लागत पर आपूर्ति की जा सकती है। आइएमइसी के साथ आइएनएसटीसी को बढ़ावा देना भारत की स्वतंत्र कूटनीति का भी उदाहरण है कि वह अपने हितों को किसी भी एक ग्रूप के साथ बांध कर नहीं रखना चाहता।

मध्य एशियाई देशों को मुफ्त में यूपीआइ

मध्य एशियाई देशों के एनएसए के साथ भारतीय एनएसए की यह दूसरी बैठक थी। पहली बैठक दिसंबर, 2022 में नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। मंगलवार को हुई बैठक का एजेंडा काफी व्यापक था। इसमें भारत ने इन सभी देशों को डिजिटल भुगतान की अपना प्लेटफार्म यूपीआइ को मुफ्त में देने का प्रस्ताव किया है। भारत ने प्रस्ताव किया कि सभी देश अपने अपने तरीके से यूपीए के आधार पर अपना डिजिटल भुगतान नेटवर्क तैयार कर सकते हैं।

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इससे ना सिर्फ इन पांचों देशों के बीच कमर्शियल लिंक में काफी सुधार हो जाएगा बल्कि वहां के कारोबारियों या आम आदमी के लिए भारत में वित्तीय लेन देन भी आसान हो जाएगा। इन सभी देशों के बड़ी संख्या में मरीज भारत में इलाज करने के लिए आते हैं। साथ ही इन देशों मे अध्ययन करने वाले भारतीय छात्रों को भी काफी मदद मिलेगी। इस बैठक में आतंकवाद, मादक द्रव्यों, साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग को लेकर चर्चा हुई है।

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