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'सीमा पर आतंक नहीं सहेगा भारत, पाक करे रिश्तों पर फैसला', जागरण से बातचीत में बोले विदेश मंत्री जयशंकर

दैनिक जागरण को दिए गए एक साक्षात्कार में विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन व पाकिस्तान के साथ भारत के मौजूदा रिश्ते और इसके भविष्य को लेकर बेबाकी से बात की। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्ष 2014 के बाद से सीमा पार आतंकवाद को सहने की भारत की नीति पूरी तरह से बदल चुकी है। आतंकवाद को समर्थन अब नहीं चलेगा।

By jaiprakash ranjan Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 25 Apr 2024 09:45 PM (IST)
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सीमा पर आतंक नहीं सहेगा भारत, पाक करे रिश्तों पर फैसला: विदेश मंत्री जयशंकर (File Photo)
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों के दौरान पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ की भतीजी व पूर्व पीएम नवाज शरीफ की बेटी व पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने भारत के साथ रिश्ते सुधारने की बात कही। इसके पहले विदेश मंत्री ईशाक दार ने कुछ ऐसे ही संकेत दिए थे। एक दिन पहले पीएम शरीफ के सामने पाकिस्तान के उद्योगपतियों ने भारत के साथ रिश्ते सुधारने की गुहार लगाई है ताकि देश की आर्थिक दुर्दशा को सुधारा जा सके।

ऐसे में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह कहना है कि भारत के लिए सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा बहुत ही महत्वपूर्ण है और भारत के साथ रिश्ते कैसे रखना है इस बारे में पाकिस्तान को फैसला करना होगा। उनका संदेश साफ है कि सीमा पार आतंकवाद पर कार्रवाई करके ही पाकिस्तान भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की बात कर सकता है।

सीमा पार आतंकवाद पर भारत की नीति बदली

दैनिक जागरण को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन व पाकिस्तान के साथ भारत के मौजूदा रिश्ते और इसके भविष्य को लेकर बेबाकी से बात की। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्ष 2014 के बाद से सीमा पार आतंकवाद को सहने की भारत की नीति पूरी तरह से बदल चुकी है। भारत ने पाकिस्तान को समझाने की कोशिश की है कि एक तरफ से भारत से सहयोग की बात और दूसरी तरफ आतंकवाद को समर्थन अब नहीं चलेगा। इस वजह से ही दक्षिण एशियाई देशों के बीच गठित सहयोग संगठन सार्क का भविष्य भी अधर में लटका हुआ है।

पाकिस्तान पर क्या बोले विदेश मंत्री जयशंकर?

जयशंकर ने कहा कि हर देश अपने पड़ोसी देश के साथ बेहतर रिश्ता चाहता है। पाकिस्तान के साथ हमारा मुख्य मुद्दा सीमा पार आतंकवाद ही है। यह पाकिस्तान को फैसला करना है कि उसे भारत के साथ कैसा रिश्ता रखना है। उन्हें अपने पुराने रवैये पर विचार करना चाहिए व सोचना चाहिए कि इससे उनके हित कितने लाभान्वित हुए हैं। अभी तक तो यह साफ हो जाना चाहिए कि इसका क्या असर हुआ है।

एलएसी पर क्या बोले एस जयशंकर?

इसके साथ ही चीन के साथ संबंधों के बारे में जयशंकर का कहना है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों के साथ कोई समझौता नहीं कर सकता। साथ ही चीन को यह समझना होगा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव का बने रहना ना तो भारत के हित में है और ना ही चीन के। लेकिन यहां भी भारत का रुख आगे भी इसी बात पर निर्भर करेगा कि चीन एलएसी पर तनाव को दूर करने के लिए क्या कदम उठाता है।

चीन पर क्या बोले विदेश मंत्री जयशंकर?

जयशंकर ने कहा कि चीन व भारत ही दो ऐसे देश हैं जहां की आबादी सौ करोड़ से ज्यादा है। हम पुरानी सभ्यताएं हैं। निश्चित तौर पर अगर हमारे रिश्ते स्थिर व सकारात्मक होते तो यह अच्छी बात होती। लेकिन यह सिर्फ एक दूसरे के प्रति आदर भाव रखने व सीमा पर अमन-शांति स्थापित करने से ही संभव है। वर्ष 2020 मे जब भारत की सीमा के पास चीन ने बड़ी संख्या में सैन्य बल तैनात किया था जो दोनों देशों के बीच के कई समझौतों का उल्लंघन था।

भारत के पास चीन से मुकाबले की क्षमता

भारत के पास इससे मुकाबला करने की क्षमता है और हमने प्रभावशाली तरीके से ऐसा किया भी है। हमने चीन को साफ तौर पर संदेश दे दिया है कि सीमा पर शांति स्थापित किये बगैर रिश्ते भी सामान्य नहीं हो सकते। अभी दोनों देशों के बीच जो हालात है उसे सामान्य नहीं कहा जा सकता। इस संदर्भ में वह आगे कहते हैं कि हम लगातार एलएसी की स्थिति, पेट्रोलिंग (दोनों तरफ की सेनाओं की तरफ से गश्त करने के अधिकार आदि) से जुड़े मु्द्दों पर बात कर रहे हैं।

आतंक पर कार्रवाई हो लेकिन नागरिकों पर हमला टाला जाए

मध्य पूर्व क्षेत्र में इजरायल-हमस और ईरान-इजरायल के बीच युद्ध से बने तनाव पर भारत लगातार नजर बनाये हुए है। विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि पीएम मोदी के स्तर पर भी और विदेश मंत्रालय के स्तर पर उस क्षेत्र के नेताओं के साथ लगातार संपर्क बना कर रखा गया है।

भारत स्पष्ट तौर पर आतंकवाद के खिलाफ

जयशंकर के मुताबिक, भारत स्पष्ट तौर पर आतंकवाद के खिलाफ है लेकिन यह भी मानता है कि जब आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई हो तो हमलों में नागरिकों को होने वाले जान-माल की हानि को टालना भी जरूरी है। गाजा की मौजूदा स्थिति में भारत मानवी आधार पर मदद पहुंचाने के लिए एक विशेष कारीडोर बनाये जाने के पक्ष में है। साथ ही भारत इजरायल और फलस्तीन दो देश बनाये जाने की नीति का समर्थन करता है। यहीं इस समस्या का हल है।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का पूरा साक्षात्कार 27 अप्रैल 2024 (शनिवार ) को दैनिक जागरण में पढ़े।

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